AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव किया है। 104 साल पुराने नियमों को खत्म करते हुए सरकार ने एडेड (सहायता प्राप्त) स्कूलों में भी वही शैक्षणिक योग्यताएं अनिवार्य कर दी हैं, जो राजकीय स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए जरूरी होती हैं। यह बदलाव प्रदेश के 4512 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में लागू होगा।
क्या है बदलाव?
अब सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में शिक्षक बनने के लिए वही न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी, जो सरकारी विद्यालयों में टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) और पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) की नियुक्ति के लिए जरूरी होती है। इसका मतलब यह है कि अब इन कॉलेजों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों को भी बीएड जैसी डिग्रियों को पूरा करना अनिवार्य होगा।
कहां से शुरू हुआ यह प्रस्ताव?
यूपी बोर्ड ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें मांग की गई थी कि 1921 में बने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के आधार पर शिक्षक भर्ती की बजाय राजकीय स्कूलों में लागू एलटी ग्रेड और प्रवक्ता (लेक्चरर) नियमों के आधार पर भर्ती की जाए। शासन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अब यह नया नियम लागू किया जाएगा।
किस नियम को किया गया संशोधित?
28 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक सेवा (प्रवक्ता संवर्ग) नियमावली में दूसरा संशोधन किया गया, जिसके तहत अब एडेड इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के लिए भी बीएड डिग्री को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले यह केवल राजकीय स्कूलों पर लागू होता था।
किन विषयों को दी गई छूट?
कुछ विषयों में बीएड डिग्री की अनिवार्यता नहीं होगी। इनमें होम साइंस, सिलाई, आर्ट, कॉमर्स और मिलिट्री साइंस शामिल हैं। इन विषयों में शिक्षक बनने के लिए बीएड की डिग्री आवश्यक नहीं होगी, लेकिन अन्य शैक्षणिक योग्यताएं जरूरी होंगी। खासकर आर्ट विषय के लिए बीएफए (बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) जैसी डिग्रियों को अब मान्यता दी गई है।
क्यों था विवाद?
पुराने नियमों में टीजीटी आर्ट की भर्ती के लिए लाहौर के मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स की सीनियर सर्टिफिकेट जैसी डिग्रियों को मान्यता दी जाती थी, जिससे काफी विवाद होता था। नई व्यवस्था में इस असमानता को दूर किया गया है और स्पष्ट मानक तय किए गए हैं।
बोर्ड सचिव का नोटिस
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर इस बदलाव की जानकारी दी है। नोटिस में कहा गया है कि अब अशासकीय मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त संस्थानों में नियुक्ति और पदोन्नति के लिए शैक्षणिक योग्यता को राजकीय शिक्षकों के मानकों के अनुरूप कर दिया गया है।
बदलाव का असर
इस निर्णय से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और योग्यता आधारित होगी। इससे बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित होगी और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। साथ ही, एडेड स्कूलों में काम करने की इच्छा रखने वाले अभ्यर्थियों को अब पहले से ज्यादा तैयारी करनी होगी।
In a major reform, the Uttar Pradesh government has scrapped a 104-year-old teacher recruitment policy, making B.Ed mandatory for aided school teachers, aligning them with government school qualifications. This decision affects over 4512 aided high schools and intermediate colleges across UP. The new teacher recruitment rules will ensure quality education and transparent hiring. Subjects like Art, Home Science, and Commerce will have exceptions. This 2024 education policy change in UP is a significant step towards modernizing India’s school education system.