AIN NEWS 1: हाल ही में, मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम एक बार फिर चर्चा में आया है। इस ऐप का इस्तेमाल आतंकवादी संगठनों द्वारा भारतीय सुरक्षा बलों पर हमलों के वीडियो शेयर करने और बच्चों के अश्लील वीडियो को प्रसारित करने में किया जा रहा है। भारत सरकार ने इसके खिलाफ नोटिस जारी किया था और इसके भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। क्या टेलीग्राम पर भारत में बैन लग सकता है? आइये जानते हैं इस ऐप की पूरी कहानी।
टेलीग्राम का उदय और इसके विवाद
टेलीग्राम का निर्माण 2013 में दो रूसी भाइयों, निकोलाई और पावेल दुरोव ने किया था। शुरुआत में यह ऐप काफी लोकप्रिय हुआ, लेकिन जल्द ही इसकी उपयोगिता और सुरक्षा संबंधी मुद्दे सामने आने लगे। 2014 में, पावेल और निकोलाई ने रूस की व्लादिमीर पुतिन सरकार के दबाव के कारण देश छोड़ दिया। पेरिस में हाल ही में पावेल दुरोव की गिरफ्तारी ने भारत में इस ऐप के भविष्य को लेकर चर्चाओं को और भी तेज कर दिया है।
टेलीग्राम और आपराधिक गतिविधियाँ
टेलीग्राम की विशेषताएँ, जैसे कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और बोट्स की सुविधा, इसे साइबर अपराधियों और आतंकवादियों के लिए आकर्षक बना देती हैं। इस प्लेटफॉर्म का उपयोग आतंकी संगठन हमलों की जिम्मेदारी लेने के लिए करते हैं। इसके अलावा, ड्रग डीलिंग, बाल यौन शोषण और हैकिंग जैसी गतिविधियाँ भी टेलीग्राम पर होती हैं।
भारत में टेलीग्राम के खिलाफ कार्रवाई
भारत में, टेलीग्राम का उपयोग NEET और UGC NET परीक्षा की लीक से लेकर अन्य अवैध गतिविधियों में किया गया है। सरकार ने 2023 में टेलीग्राम को लेकर नोटिस जारी किया था, और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। हाल ही में, टेलीग्राम पर बाल यौन शोषण सामग्री के 53,000 से अधिक चैनलों और ग्रुप्स पर प्रतिबंध लगाया गया।
टेलीग्राम के विकल्प
यदि भारत में टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगाया जाता है, तो इसके कुछ विकल्प मौजूद हैं। इनमें व्हाट्सएप, सिगनल, ब्रोसिक्स और मैटरमोस्ट शामिल हैं, जो गोपनीयता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
टेलीग्राम की पॉलिसी और सुरक्षा
टेलीग्राम के सीईओ पावेल दुरोव पर आरोप है कि उन्होंने ऐप पर हो रही आपराधिक गतिविधियों को रोकने में विफलता दिखाई। हालांकि, टेलीग्राम ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उनका मॉडरेशन इंडस्ट्री मानदंडों के अनुसार है।
निष्कर्ष
टेलीग्राम की सुरक्षा और गोपनीयता की विशेषताएँ इसे एक ओर जहां उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी बनाती हैं, वहीं दूसरी ओर इसका दुरुपयोग भी हो रहा है। भारत में इसकी बढ़ती समस्याओं को देखते हुए, इसका बैन लगने की संभावना जताई जा रही है। इसके विकल्पों का उपयोग करके यूज़र्स सुरक्षित और बेहतर संचार के साधन का चुनाव कर सकते हैं।