उत्तर प्रदेश का भगौड़ा दिल्ली में परचून की दुकान चला रहा था, 37 साल से चल रहा था फरार… आख़िर पकड़ा कैसे गया?

0
990

AIN NEWS 1:उत्तर प्रदेश के बिजनौर में लगातार 37 साल से ही भगोड़ा चल रहा था यूपी का डकैत जो अब दिल्ली के मुस्तफाबाद में ही रहकर परचून की दुकान चलाता हुआ मिला। लेकीन अब नगीना देहात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल सात साल की उसको सजा होने पर वह वर्ष 1986 में ही फरार हो गया था। हाई कोर्ट में उसका स्थाई वारंट होने के बाद भी पुलिस 37 साल से उसकी खोज में ही लगी हुई थी। लेकीन अब इस आरोपी को जेल भेज दिया गया है।

इस आरोपी ने जमानत मिलते ही बेच दी थी अपनी संपत्ति

1979 में बढ़ापुर थाना क्षेत्र में ही एक घर के अन्दर डकैती डाली गई थी। तत्कालीन पुलिस ने उस ही वक्त के बढ़ापुर थाना क्षेत्र के गांव आसफपुर सैदपीर उर्फ बनौवाला के ही निवासी हासिम पुत्र बल्लू को इस मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद सीजेएम कोर्ट ने डकैती के आरोप में इस हासिम को सात साल की सजा भी सुनाई। उसको सजा होने के बाद ही उसने हाईकोर्ट में अपनी अपील की। उसके बाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत भी मंजूर कर ली। लेकीन जमानत मिलने के बाद वह कभी हाईकोर्ट में नहीं गया। इसके बाद कोर्ट ने उसकी इस सजा को बरकरार रखते हुए 1986 में उसके खिलाफ़ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। लेकीन तब तक वह अपनी सारी संपत्ति को बेचकर यहां से भी जा चुका था। इस वारंट के बाद उसकी कुर्की की कार्रवाई करते हुए उसे भगोड़ा भी घोषित कर दिया गया था। उसका हाई कोर्ट ने अब स्थाई वारंट भी जारी कर दिया। लेकीन अब जाकर शुक्रवार रात पुलिस ने उसे दिल्ली के मुस्तफाबाद से गिरफ्तार कर लिया। वह वहा पर मकान बनाकर रह रहा था। घर में ही एक परचून की दुकान भी करता था।

इस पूरे प्रकरण में उसे अपने भाई से संपर्क करना पड़ा भारी

दरअसल 45 साल पहले की घटना क्षेत्र बढ़ापुर थाना क्षेत्र में ही था। वर्ष 1987 में नगीना देहात के थाना बनने पर डकैती का मुकदमा यहां पर शिफ्ट हो गया था। एसओ हम्बीर सिंह ने इस पूरे मामले में बताया कि पुलिस भी उसकी तलाश में लगी हुई थी। पुलिस को अपने मुखबिर से यह सूचना मिली कि भगौड़ा हासिम का एक भाई नजीबाबाद के साहनपुर कस्बे में ही रहता है। हासिम उसके ही संपर्क में हैं। पुलिस ने हासिम के भाई से इस मामले में पूछताछ की तो सारा राज खुल गया।

अब तक बदल गए 58 कप्तान और 45 थानेदार

जान ले 37 साल से भगौड़ा हासिम को तलाशने के लिए पुलिस का समस-समय पर काफ़ी प्रयास चलता रहा। हाई कोर्ट से उसके खिलाफ़ वारंट जारी होने पर पुलिस भी सक्रिय हो जाती, लेकिन फिर से उसे इस तरह से ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता। समय चक्र के साथ वर्ष 86 से 58 कप्तान और नगीना देहात के अब तक 45 थानेदार भी बदल गए। यह आरोपी पुलिस को नहीं मिला। इस बार एसपी नीरज कुमार जादौन ने ही एसओ हम्बीर सिंह को यह टास्क सौंपा गया। उन्होंने उसे पकड़ने के लिए अपना जाल बिछाया। आरोपी के मूल गांव से सुरागरसी करते हुए आरोपी के पास तक वो पहुंचे। इस वक्त वह अपने परिवार के साथ आराम से रह रहा था। खुद वह परचून की दुकान करता था और उसके बेटे नौकरी करते हैं।

इस पूरे मामले में एसपी ने बताया कि इस टीम को दस हजार नगद इनाम दिया गया है। एसओ नगीना देहात हम्बीर सिंह ने बताया कि आरोपी को अब कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सीधे जेल भेज दिया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here