AIN NEWS 1 नोएडा: उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) अनिल कुमार पर अलीगढ़ हाईवे पर बड़ा हमला करने की कोशिश की गई। घटना के वक्त जज अनिल कुमार अपनी कार से नोएडा जा रहे थे, तभी बदमाशों ने हाईवे पर उनका पीछा किया और घेरने की कोशिश की। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हाईवे पर घेरने की कोशिश मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अलीगढ़ हाईवे पर पांच बदमाश बोलेरो गाड़ी में सवार होकर जज की कार का पीछा करने लगे। बदमाशों ने जज की गाड़ी को ओवरटेक करके उसे रोकने का प्रयास किया और बार-बार असलहा दिखाकर धमकियां भी दीं। जज अनिल कुमार ने सूझबूझ दिखाते हुए अपनी कार को तेज रफ्तार में दौड़ाया और पास की सोफा पुलिस चौकी में जाकर रुके। इस दौरान बदमाशों ने उनका पीछा छोड़ दिया और फरार हो गए।
संदेह: सुंदर भाटी गिरोह की साजिश जज अनिल कुमार ने पुलिस को दिए बयान में आशंका जताई है कि इस हमले के पीछे सुंदर भाटी और उसके गैंग का हाथ हो सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने ही पहली बार साल 2021 में सुंदर भाटी और उसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इससे पहले तक सुंदर भाटी के खिलाफ कोई दोष सिद्ध नहीं हुआ था। उन्हें शक है कि सजा का बदला लेने के लिए ही यह हमला किया गया।
सुंदर भाटी की जेल से रिहाई के बाद घटना गौरतलब है कि यह घटना सुंदर भाटी की जेल से रिहाई के छह दिन बाद हुई है। 23 अक्टूबर को वह सोनभद्र जेल से जमानत पर बाहर आया था। पुलिस ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा के घघौला गांव का रहने वाला है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसके और पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरेश भाटी के गिरोह के बीच गैंगवार भी सुर्खियों में रही है।
जांच जारी, पुलिस ढूंढ़ रही है सुराग घटना के बाद अलीगढ़ पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस सुंदर भाटी के स्थानीय नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है और यह भी जानने का प्रयास कर रही है कि घटना वाले दिन सुंदर भाटी कहां था। अब तक पुलिस को अलीगढ़ में सुंदर भाटी के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है, लेकिन उसके संभावित संबंधों की जांच की जा रही है।
न्यायधीश की जान पर खतरा जज अनिल कुमार ने स्पष्ट रूप से बयान दिया कि हाईवे पर उन पर हमला किया गया और पांच अज्ञात व्यक्तियों ने उन्हें धमकाया। उन्होंने कहा कि उनकी कार को बार-बार घेरने और उन्हें रोकने की कोशिश की गई। पुलिस चौकी में जाकर उन्होंने अपनी जान बचाई।
यह मामला जजों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है। पुलिस जांच में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई होगी।