AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विधानसभा में विपक्ष पर निशाना साधते हुए “कठमुल्ला” शब्द का प्रयोग किया। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलकों में विवाद खड़ा कर दिया। यह शब्द क्या है, इसका अर्थ क्या है, और यह कहां से आया, इसे समझना महत्वपूर्ण है।
CM योगी का बयान और विवाद
बजट सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन दूसरों के बच्चों को उर्दू पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग उन्हें “मौलवी” और “कठमुल्ला” बनने के लिए मजबूर करते हैं, जो अन्यायपूर्ण है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया और इसे भेदभावपूर्ण करार दिया। कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और इस शब्द के इस्तेमाल को अनुचित बताया।
कठमुल्ला शब्द का अर्थ और उत्पत्ति
“कठमुल्ला” शब्द का उपयोग आमतौर पर नकारात्मक अर्थों में किया जाता है। यह उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जो कट्टरपंथी सोच रखते हैं, कम शिक्षित होते हैं, और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हैं।
शब्द की उत्पत्ति
1. हिन्दी और संस्कृत से संबंध – कुछ विद्वानों के अनुसार, “कठ” शब्द हिन्दी और संस्कृत के “काष्ठ” (लकड़ी) से आया है, जिसका अर्थ कठोर या जड़ होता है।
2. अरबी भाषा से संबंध – “मुल्ला” शब्द अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ इस्लामिक विद्वान या मौलवी होता है।
3. सामासिक शब्द – इन दोनों शब्दों को मिलाकर “कठमुल्ला” बना, जिसका अर्थ हुआ ऐसा मौलवी जो संकीर्ण मानसिकता रखता है और कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है।
पहले भी हो चुका है विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब “कठमुल्ला” शब्द चर्चा में आया है।
दिसंबर 2024 – विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव ने यह शब्द अपने भाषण में इस्तेमाल किया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जहां अभी भी सुनवाई जारी है।
राजनीतिक बयानबाजी – भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने जस्टिस यादव का समर्थन किया था, जबकि कई विपक्षी दलों ने उनके बयान की आलोचना की थी।
शब्द का उपयोग और विवाद
भाषा विशेषज्ञों की राय
वरिष्ठ मुस्लिम स्कॉलर मोहम्मद अहमद खान अदीब का कहना है कि यह शब्द काफी पुराना है और वे इसे बचपन से सुनते आ रहे हैं। उनका मानना है कि इसका अर्थ “जाहिल” (अशिक्षित) से संबंधित है।
भाषा विशेषज्ञों की प्रमुख वेबसाइट Rekhta Dictionary के अनुसार, “कठमुल्ला” का अर्थ होता है – “कम पढ़ा-लिखा मुल्ला, संकीर्ण विचारधारा वाला व्यक्ति”।
सामाजिक दृष्टिकोण
मुस्लिम स्कॉलर गुफरान नसीम का कहना है कि यह शब्द हमेशा से नकारात्मक अर्थ में प्रयोग किया गया है।
कई लोग इसे इस्लामी मौलवियों के लिए अपमानजनक मानते हैं, जबकि कुछ इसे कट्टरपंथ की पहचान के रूप में देखते हैं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
“कठमुल्ला” शब्द का प्रयोग राजनीतिक और धार्मिक संदर्भ में किया जाता है। यह अक्सर चुनावी भाषणों और टीवी डिबेट में सुना जाता है।
समर्थन और विरोध
भाजपा और हिंदू संगठनों का मानना है कि यह शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हैं।
विपक्षी दल और मुस्लिम संगठन इसे भेदभावपूर्ण बताते हैं और कहते हैं कि यह समुदाय विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास है।
“कठमुल्ला” शब्द का उपयोग कई वर्षों से किया जा रहा है, लेकिन इसका अर्थ और संदर्भ विवादित बना हुआ है। यह स्पष्ट है कि यह शब्द आमतौर पर नकारात्मक रूप में ही प्रयोग किया जाता है।
आज के समय में जब राजनीतिक और धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़ रहा है, ऐसे शब्दों का प्रयोग संवेदनशील मुद्दा बन जाता है। यह आवश्यक है कि भाषा का प्रयोग सोच-समझकर किया जाए ताकि किसी समुदाय की भावनाएं आहत न हों।
The word “Kathmulla” has sparked controversy in Indian politics, especially after UP CM Yogi Adityanath used it in the assembly. This term, originating from a mix of Hindi and Arabic, is often used to describe someone with a rigid and orthodox mindset. The debate over its meaning and use has intensified after past incidents, such as Justice Shekhar Yadav’s speech in a VHP event. While some believe it highlights religious extremism, others consider it derogatory. The history, usage, and political impact of “Kathmulla” continue to be a topic of discussion, influencing political and social debates in India.