AIN NEWS 1 | पद्मश्री वैज्ञानिक डॉ. अजय सोनकर ने गंगा जल को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि गंगा नदी में पाए जाने वाले बैक्टीरियोफेज (Bacteriophages) सेकंडों में हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं और खुद भी विलुप्त हो जाते हैं। यही कारण है कि गंगा जल में अपनी प्राकृतिक शुद्धिकरण क्षमता (Self-Purification Ability) होती है, जो इसे दुनिया की सबसे अनोखी नदी बनाती है।
🧬 कैसे काम करता है बैक्टीरियोफेज?
- बैक्टीरियोफेज बैक्टीरिया से 50 गुना छोटे होते हैं।
- जब लोग गंगा में स्नान करते हैं, तो उनके शरीर से निकलने वाले रोगाणुओं को ये बैक्टीरियोफेज तुरंत पहचान लेते हैं।
- ये बैक्टीरिया के RNA को हैक कर उसे खत्म कर देते हैं।
- गंगा जल में 1100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज मौजूद हैं, जो मानव जनित प्रदूषण को नष्ट करने में सक्षम हैं।
🌍 गंगा जल: दुनिया की सबसे शक्तिशाली नदी
गंगा नदी मीठे पानी की दुनिया की इकलौती नदी है, जिसमें प्रदूषण से लड़ने की इतनी अद्भुत क्षमता है। समुद्र के जल के समान गुण रखने वाली यह नदी हानिकारक बैक्टीरिया और प्रदूषण को नष्ट करने की ताकत रखती है।
👨🔬 कौन हैं डॉ. अजय सोनकर?
यह कोई आम व्यक्ति व्यक्ति नहीं है!
यह ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री से सम्मानित "अजय सोनकर जी" हैं!जिन्होंने अपनी रिसर्च से मोती की खेती में क्रन्तिकारी परिवर्तन भी किए हैं!
महाकुंभ के दब गंगा मैया के पानी पर लिब्रांडुओ के दुष्प्रचार के जवाब पर क्या कहा है… pic.twitter.com/DU9DaoorP8
— श्रीष त्रिपाठी {मोदी का परिवार} 🇮🇳 (@Shrish_1987) February 22, 2025
- भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जिन्होंने समुद्र में मोती बनाने की जापानी तकनीक को मात दी।
- नीदरलैंड, अमेरिका, जापान, और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के साथ शोध कार्य किया।
- कैंसर, डीएनए बायोलॉजी, हार्ट डिजीज और न्यूट्रिशन पर महत्वपूर्ण शोध किए हैं।