क्या मोदी सरकार भारत रत्न का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है?
AIN NEWS 1 | शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनमाने तरीके से भारत रत्न पुरस्कार दे रहे हैं।
ठाकरे ने कहा, “पहले यह नियम होता था कि कब और कितने लोगों को भारत रत्न दिया जा सकता है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि जिसका भी नाम पीएम के दिमाग में आ रहा है, उसे भारत रत्न दे दिया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।”
ठाकरे का यह बयान हाल ही में मोदी सरकार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने के फैसले के बाद आया है।
क्या आप सहमत हैं उद्धव ठाकरे से? क्या मोदी सरकार भारत रत्न का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है?
इस मुद्दे पर अपनी राय देने से पहले, आइए कुछ तथ्यों पर ध्यान दें:
- 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से 13 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
- इनमें से 8 लोग भाजपा से जुड़े हुए थे, जबकि 5 लोग गैर-राजनीतिक हस्तियां थीं।
- 2004 से 2014 के बीच, यूपीए सरकार ने 10 लोगों को भारत रत्न से सम्मानित किया था, जिनमें से 4 लोग गैर-राजनीतिक हस्तियां थीं।
निष्कर्ष:
यह कहना मुश्किल है कि मोदी सरकार भारत रत्न का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है या नहीं।
हालांकि, यह सच है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भाजपा से जुड़े लोगों को भारत रत्न से सम्मानित करने की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारत रत्न देने का फैसला प्रधानमंत्री द्वारा लिया जाता है और इसमें कोई निश्चित नियम नहीं होते हैं।
इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि उद्धव ठाकरे का आरोप सही है या गलत।
यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सभी को अपनी राय बनानी होगी।
क्या आप इस मुद्दे पर अपनी राय साझा करना चाहेंगे?