Monday, January 13, 2025

सुप्रीम कोर्ट के लगातार आदेशों से उत्तर प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ीं?

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1: भारत की सर्वोच्च न्यायिक संस्था, सुप्रीम कोर्ट, इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है। हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ तीन बड़े आदेश जारी किए हैं, जो राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहे हैं। इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार से नाराज है या फिर यह सिर्फ एक सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।

सुप्रीम कोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच टकराव

सुप्रीम कोर्ट, जो भारतीय संविधान की रक्षा करने का दायित्व निभाता है, उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ लगातार आदेश पारित कर रहा है। पिछले 20 दिनों में इसने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ तीन महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं। हालाँकि कुछ लोग इसे सुप्रीम कोर्ट के नाराजगी का संकेत मान रहे हैं, वहीं अन्य का मानना है कि यह सिर्फ एक सामान्य न्यायिक प्रक्रिया है।

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

13 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के बुलडोजर एक्शन पर स्थाई रोक लगाने का आदेश दिया था। यह एक्शन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रमुख कदम रहा है, जिसके तहत गैरकानूनी निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जाता था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी व्यक्ति की संपत्ति को मनमाने तरीके से नष्ट कर दे, जब तक कि उस व्यक्ति पर दोष साबित न हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर राज्य अपने अधिकार का दुरुपयोग करता है, तो उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश राज्य की शक्तियों के मनमाने प्रयोग को रोकने का प्रयास है और यह संविधान के तहत नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।

उत्तर प्रदेश पुलिस को मिली सुप्रीम कोर्ट से फटकार

28 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और राज्य के डीजीपी को चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि अगर पुलिस अपनी कार्यशैली नहीं सुधारती, तो वह और कड़े आदेश पारित कर सकती है। यह मामला अनुराग दुबे नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस अपनी कार्यशैली को संवेदनशील बनाए और किसी भी आरोपी के साथ कानून का पालन करते हुए उचित प्रक्रिया अपनाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर पुलिस ने किसी व्यक्ति को बिना अदालत से आदेश लिए गिरफ्तार किया, तो उसे न केवल निलंबित किया जाएगा, बल्कि उसके खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक पहलू

अनुराग दुबे, जो उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जिले से हैं, के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज 60 से अधिक एफआईआर हैं। इन मामलों के पीछे राजनीतिक कारणों का भी संकेत दिया जा रहा है, क्योंकि अनुराग दुबे की बहुजन समाज पार्टी (BSP) से निकटता है। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

सुप्रीम कोर्ट का यह हस्तक्षेप उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ी निगरानी रखने के संकेत दे रहा है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी अधिकारी को अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती और सभी अधिकारियों को कानून का पालन करते हुए कार्य करना चाहिए।

निष्कर्ष: सुप्रीम कोर्ट का उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस के खिलाफ यह हस्तक्षेप एक चेतावनी है कि शासन और प्रशासन को संविधान और कानून के दायरे में रहकर कार्य करना होगा। यह आदेश इस बात का संकेत हैं कि सुप्रीम कोर्ट किसी भी राज्य में असंवैधानिक कार्रवाई या अधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा।

 

 

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
Ads

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
Ads