AIN NEWS 1 | पाकिस्तान के कराची में स्थित सबसे बड़े पंचमुखी हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी राम नाथ मिश्रा ने पाकिस्तान में हिंदुओं के हालात और उनके संघर्ष को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने चरमपंथी संगठनों के खिलाफ हिंदुओं का समर्थन किया और मंदिर की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने में मदद की।
मंदिर भूमि के लिए लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई
राम नाथ मिश्रा ने बताया कि भारत-पाक विभाजन के समय, यह मंदिर 25,000 वर्ग फुट में फैला हुआ था, लेकिन धीरे-धीरे इस पर अतिक्रमण हो गया। 2018 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा, “हमने कट्टरपंथी संगठनों के विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और विभाजन से पहले के मंदिर की पूरी जमीन वापस पाने की मांग की।” कोर्ट ने हिंदू समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाया और पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इसे लागू करने में सहायता की।
पाकिस्तान के हिंदू मंदिरों के लिए बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ पंचमुखी हनुमान मंदिर ही नहीं, बल्कि सभी हिंदू मंदिरों के लिए भी आदेश दिया है कि अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित सभी पूजा स्थलों और संपत्तियों को मुक्त कराया जाए और मूल मालिकों को सौंपा जाए।
पाक सरकार से मंदिर के विकास की अपील
राम नाथ मिश्रा ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि इस मंदिर को एक भव्य संरचना के रूप में विकसित किया जाए, ताकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आकर्षित हों और इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लाभ मिले।
भारत-पाक संबंधों को सुधारने की जरूरत
पुजारी राम नाथ मिश्रा ने वीजा प्रतिबंधों में ढील देने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हिंदू उनके नेतृत्व में चार धाम यात्रा पर जाना चाहते हैं, जबकि भारतीय हिंदू पाकिस्तान के प्राचीन मंदिरों, जैसे पेशावर में गोरखनाथ मंदिर, चिट्टी हट्टी में शिव मंदिर, कराची में पंचमुखी हनुमान मंदिर और इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं।