AIN NEWS 1 | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर दिए गए बयान से देश में बवाल मच गया है। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हुए प्रधानमंत्री ने देश को लगातार 11वीं बार संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दे का जिक्र किया, जो अब काफी चर्चा का विषय बन गया है।
प्रधानमंत्री मोदी का UCC पर बयान: अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में आजादी के बाद से एक सांप्रदायिक सिविल कोड लागू है, जो विभिन्न समुदायों के बीच भेदभाव करता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश को एक समान नागरिक संहिता (UCC) दी जाए। पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार UCC पर चर्चा की है और इसे लागू करने की बात कही है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हमें अब कम्युनल सिविल कोड से हटकर सेक्युलर सिविल कोड की ओर बढ़ना होगा, ताकि धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से आजादी मिल सके।
#WATCH | Senior Advocate and Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, " I don't want to comment on Independence Day, on statements of this nature. PM is free to make such statements…when we are celebrating our Independence, I don't think I should respond to statements that may appear… pic.twitter.com/hgOU2WdB57
— ANI (@ANI) August 15, 2024
कपिल सिब्बल की प्रतिक्रिया: प्रधानमंत्री के इस बयान पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से प्रतिक्रिया मांगी गई। हालांकि, सिब्बल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं आजादी के जश्न के दिन ऐसे विभाजनकारी बयानों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। प्रधानमंत्री इस तरह के बयान देने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसे बयानों पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत है।”
वन नेशन, वन इलेक्शन की भी वकालत: यूनिफॉर्म सिविल कोड के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में “वन नेशन, वन इलेक्शन” की भी वकालत की। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से इस सपने को साकार करने के लिए आगे आने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने बताया कि इस मुद्दे पर देश भर में व्यापक विचार-विमर्श हुआ है, और एक समिति ने इस पर एक उत्कृष्ट रिपोर्ट भी प्रस्तुत की है।
प्रधानमंत्री के इस भाषण के बाद देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां एक ओर कुछ लोग UCC के समर्थन में हैं, वहीं दूसरी ओर कई इसे लेकर चिंतित हैं। अब देखना होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।