AIN NEWS 1 | इन्वेस्टमेंट माइग्रेशन कंसल्टेंसी हेनले एंड पार्टनर्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2024 में करीब 4,300 भारतीय करोड़पतियों के देश छोड़ने का अनुमान है. अगर ये अनुमान सही साबित होते हैं तो 2024 में चीन के 15,200 और यूनाइटेड किंगडम के 9,500 के बाद करोड़पतियों के देश छोड़ने में भारत तीसरे नंबर पर होगा. इतनी बड़ी संख्या में भारतीय करोड़पतियों के देश छोड़ने के अनुमान के बावजूद ये आंकड़ा पिछले साल के 5,100 से कम है. वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो इस साल दुनिया भर में करीब 1.28 लाख करोड़पतियों के अपने देश को छोड़कर नए देश में बस जाने का अनुमान लगाया गया है. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका करोड़पतियों के नए ठिकाने के तौर पर सबसे आगे हैं.
दूसरे देशों में बस रहे हैं करोड़पति!
इस रिपोर्ट के मुताबिक करोड़पति वो लोग होते हैं जिनके पास कम से कम $1 मिलियन यानी 8.3 करोड़ रुपये की निवेश योग्य रकम होती है. 2024 में इस रकम या इससे ज्यादा रकम वाले 1.28 लाख करोड़पतियों के अपने अपने देश छोड़ने का अनुमान है जो 2023 में बनाए गए 1.2 लाख के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ देगा. प्री-कोविड साल यानी 2019 के 1.10 लाख से इस साल 16 फीसदी ज्यादा रईस दुनियाभर में अपने अपने देशों को अलविदा कहेंगे. इन करोड़पतियों को लुभाने में UAE अपने आकर्षक सुनहरे वीजा और शानदार जीवन से लेकर एक रणनीतिक स्थान पर व्यापार-अनुकूल माहौल तक सभी उपाय कर रहा है. 2024 में UAE 6700 करोड़पतियों की रिकॉर्ड अगवानी करने के लिए तैयार है.
UAE बना पसंदीदा देश!
2023 में 9 फीसदी UAE कॉर्पोरेट टैक्स की शुरूआत के बावजूद ये देश अभी भी एक टैक्स कुशल, प्रतिस्पर्धी इकॉनमी बना हुआ है. इससे विकास को समर्थन मिल रहा है और निवेश को आकर्षित करने में कामयाबी मिल रही है. इसके साथ ही यहां का स्थिर राजनीतिक ढांचा, शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर, शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल, व्यापार करने में आसानी, अलग अलग तरह के निवेश के मौके, तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट सेक्टर संयुक्त अरब अमीरात को ज्यादा विदेशी निवेश हासिल करने के एक प्रमुख विकल्प के तौर पर स्थापित कर रहे हैं. भारतीय निजी बैंक भी संयुक्त अरब अमीरात में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं. प्रवासी करोड़पतियों के लिए दूसरे शीर्ष स्थलों में अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं.
चीन-ब्रिटेन से सबसे ज्यादा लोग बाहर जाएंगे!
हालांकि भारत से कुछ करोड़पतियों का संयुक्त अरब अमीरात या किसी दूसरे देश में चले जाना खास चिंता की बात इसलिए नहीं है क्योंकि भारत से जाने वाले अमीरों के मुकाबले यहां पर नए HNWI ज्यादा संख्या में बन रहे हैं. इसके अलावा दूसरे देशों में बसने वाले करोड़पति भारत से जुड़े अपने व्यापारिक हितों और यहां स्थित अपने घरों पर खर्च करते हैं. लेकिन सभी देशों के साथ ऐसा नहीं है दूसरी ओर, कुछ देश धन के चिंताजनक पलायन से जूझ रहे हैं. चीन में 2024 में 15,200 करोड़पतियों ने देश छोड़ने का इरादा बना लिया है. क्योंकि वहीं पर धीमी आर्थिक ग्रोथ, अमेरिका और यूरोप के साथ जारी भू-राजनीतिक तनाव और विदेशी मौकों का लालच कई लोगों को नए रास्ते तलाशने के लिए प्रेरित करता है. इस बीच, ब्रेक्सिट के नतीजे, राजनीतिक अनिश्चितता और नॉन डोमिसाइल टैक्स सिस्टम के विवादास्पद ओवरहाल के कारण ब्रिटेन 9,500 करोड़पतियों को गंवा सकता है.