Sunday, November 24, 2024

साइबर फ्रॉड रोकने के लिए सरकार ने की बड़ी तैयारी, थोक में सिम बिक्री पर लगेगी रोक और फर्जी इंटरनेशन कॉल्स को ब्लॉक करने का सिस्टम किया तैयार!

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AIN NEWS 1 | स्पैम और अनचाही कॉल्स ने लोगों का सिरदर्द काफी बढ़ा दिया है। पहले तो इन गैर जरुरी कॉल्स से केवल समय बर्बाद होता था लेकिन अब साइबर धोखाधड़ी के डर ने अनचाही कॉल्स से लोगों की परेशानी को कई गुना बढ़ा दिया है. दरअसल, देश में हर महीने बड़ी संख्या में लोग फिशिंग का शिकार हो जाते हैं. वो ऑफर्स, लॉटरी, डिस्काउंट समेत कई तरह से इन स्कैमर्स के झांसे में आकर अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गंवा बैठते हैं. बड़ी रकम गंवाने वाले जहां संबंधित अथॉरिटीज से इनकी शिकायत करते हैं तो वहीं काफी लोग चुपचाप रह जाते हैं और किसी भी फोरम पर इन घटनाओं की शिकायत नहीं करते हैं. इन सब समस्याओं के समाधान के लिए अब टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने कुछ जरूरी बदलाव किए हैं जिनके बाद साइबर फ्रॉड के मामलों में कुछ गिरावट आ सकती है.
कंपनियां ही बेच सकेंगी थोक में सिम!
इसके तहत अब टेलीकॉम कंपनियों को ही थोक में सिम की बिक्री करने की मंजूरी मिलेगी जबकि पहले सिम कार्ड खरीदना आसान था और लोग रिटेलर्स से भी थोक में सिम खरीद सकते थे. लेकिन इससे धोखाधड़ी के मामले ज्यादा बढ़ने के बाद टेलिकॉम डिपॉर्टमेंट ने थोक में मिलने वाले सिम कार्ड को लेकर ये बड़ा बदलाव किया है. अभी तक लोग फर्जी आईडी से भी रिटेलर के माध्यम से थोक में सिम कार्ड खरीद लेते थे. इसी तरह के सिम कार्ड फ्रॉड के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार थे
लेकिन अब टेलीकॉम कंपनियों को ही थोक में सिम कार्ड करने की मंजूरी मिलने से किसी के लिए भी कहीं से भी सिम हासिल करना आसान नहीं होगा. यहीं नहीं टेलीकॉम कंपनियां भी अब एक बार में केवल 100 सिम कार्ड ही जारी कर सकेंगी. नए नियम के तहत सिम कार्ड जारी करने से पहले खरीदने वाले के एड्रेस का फिजिकल वेरिफिकेशन भी किया जाएगा. इसके अलावा ग्राहकों को ये हलफनामा भी देना होगा कि जिस भी कंपनी का वो सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं उसका गलत इस्तेमाल नहीं होगा.
प्रमोशनल कॉल्स के लिए नई सीरीज!
इसके साथ ही टेलीमार्केटिंग के लिए टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI और टेलीकॉम विभाग मिलकर नई सीरीज के मोबाइल जारी करने की योजना भी योजना बना रहे हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया इन नए नंबर सीरिज के फ़ोन जारी भी कर सकते हैं. इससे ग्राहकों के लिए असली टेलीमार्केटिंग कॉल्स और साइबर फ्रॉड के मकसद से आई फर्जी कॉल के बीच अंतर करना आसान हो सकता है. सरकार की मोबाइल फ्रॉड रोकने की योजना के तहत इस कदम को जल्द ही उठाया जा सकता है. प्रमोशनल कॉल्स और मैसेज का चलन भारत में जरुरत से ज्यादा है. कई मोबाइल फ़ोन यूजर्स एक दिन में 20 से 25 प्रमोशनल कॉल्स आने से बुरी तरह से परेशान हैं. ऐसे में साइबर फ्रॉड की आशंका भी कई गुना बढ़ जाती है. आंकड़ों के मुताबिक देश में हर महीने बड़ी संख्या में फिशिंग मैसेज भेजे जाते हैं और हर महीने करीब 12 लोग इन फर्जीवाड़े की चपेट में आते हैं.
फर्जी इंटरनेशनल कॉल्स होंगी ब्लॉक!
साइबर फ्रॉड की घटनाओं को रोकने की कड़ी में सरकार ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को फेक इंटरनेशनल कॉल्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है. इन कॉल्स के आने पर यूजर्स को भारतीय नंबर नजर देते हैं. डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम को इससे जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद ये फैसला किया गया है. इन कॉल्स के जरिए लोगों के साथ साइबर क्राइम और फाइनेंशियल फ्रॉड किया जा रहा है. इन कॉल्स का इस्तेमाल फेक डिजिटल अरेस्ट, FedEx स्कैम, कूरियर में ड्रग्स या नशीले पदार्थ,  खुद को सरकारी और पुलिस अधिकारी बताना, ट्राई या टेलीकॉम डिपार्टमेंट अधिकारी होने का दिखावा करके मोबाइल नंबर बंद करने की धमकी देने जैसी धोखाड़ी के लिए किया जाता है.
फर्जी कॉल्स पहचानेगा नया सिस्टम!
ऐसे में इनकी रोकथाम के लिए DOT और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने साथ मिलकर एक सिस्टम तैयार किया है. ये सिस्टम टेलीकॉम ग्राहक तक पहुंचने वाली इंटरनेशनल फेक कॉल्स को पहचानने और उन्हें ब्लॉक करने में मदद करेगा. इसके तैयार होने के बाद ही टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को ऐसी इंटरनेशनल फेक कॉल्स को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए गए हैं.  DoT के निर्देशों के मुताबिक टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स  पहले से ही भारतीय लैंडलाइन नंबर्स पर आने वाली इंटरनेशनल फेक कॉल्स को ब्लॉक कर रहे हैं.
संचार साथी पर रिपोर्ट करने का विकल्प
कम्युनिकेशन मंत्रालय ने लोगों को आगाह करते हुए कहा है कि सभी कोशिश के बावजूद अभी भी कुछ धोखेबाज हो सकते हैं जो दूसरे तरीकों से सफल हो सकते हैं. ऐसी कॉल के लिए ग्राहक संचार साथी में जाकर चक्षु पर ऐसे संदिग्ध फ्रॉड कम्युनिकेशन की रिपोर्ट करके सभी की मदद कर सकते हैं. चक्षु पोर्टल का लिंक sancharsaathi.gov.in पर मौजूद है. सरकार चक्षु के लिए एक ऐप बनाने पर काम कर रही है. अगर किसी के पास धोखाधड़ी के इरादे से कोई कॉल, SMS या व्हाट्सएप मैसेज आता है तो पोर्टल पर उसकी रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है. शिकायत में कॉल या SMS आने का समय, तारीख और इससे जुड़ी सभी जानकारियां देनी होती हैं. रिकॉर्ड के तौर पर ऐसे कॉल या मैसेज का स्क्रीनशॉट भी देना होगा
6.8 लाख नंबरों का होगा री-वेरिफिकेशन
पिछले हफ्ते टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 60 दिनों के अंदर 6.8 लाख मोबाइल नंबरों का री-वेरिफिकेशन करने के निर्देश जारी किए थे. ये वो नंबर्स हैं, जिनके बारे में शक है कि उन्हें फेक डॉक्युमेंट्स के जरिए लिया गया था डिपार्टमेंट ने एडवांस AI-ऑपरेटेड एनालिसिस के बाद इन मोबाइल नंबरों की संभावित तौर पर धोखाधड़ी के रूप में पहचान की है.
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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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