AIN NEWS 1 | शुक्रवार शाम, दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे पर विजय नगर पुलिस थाने के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ। ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक सिपाही विपिन कुमार सिंह अचानक एक तेज रफ्तार सफेद मारुति एर्टिगा कार की चपेट में आ गए। इतनी भीषण टक्कर थी कि वे हवा में उछलकर लगभग 40–100 मीटर दूर जा गिरे। हादसे का भयावह दृश्य वहां लगे CCTV कैमरों में पूरी तरह कैद हो गया।
Tragic and Shameful🚨🇮🇳
That a Traffic Policeman Lost His Life Because of This Reckless Driving Traffic policeman Vipin Kumar was thrown into the air by a speeding Ertiga car on the Delhi-Meerut Expressway in Ghaziabad. #DoNotDestroypic.twitter.com/Ht6zPQZF1C
— Shruti Dhore (@ShrutiDhore) August 24, 2025
घायलों को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि सिपाही के दोनों पैर बुरी तरह टूट चुके थे और सिर पर गंभीर चोटें थीं। उन्हें मनिपाल अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया। लगभग 36 घंटे की कठिन और संघर्षपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया के बाद, रविवार रात को उन्होंने अपने घावों के चलते दम तोड़ दिया। उनके परिवार और सहकर्मी इस घटना से गहरे सदमे में हैं।
पुलिस ने हादसे के आरोपी चालक विनीत (30 वर्ष) और उनके चचेरे भाई नितिन (27 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों हरियाणा से गाजियाबाद लौट रहे थे और शराब के नशे में थे। तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते समय संभवतः सिपाही को नहीं देखा गया। मृतक के भाई, जो स्वयं एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं, ने इसे जानबूझकर की गई कार्रवाई मानते हुए हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
विजय नगर थाने में BNS की धारा 109(1) के तहत FIR दर्ज की गई थी। अतिरिक्त DCP (ट्रैफिक) सचिदानंद ने बताया कि CCTV क्लिप स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि चालक की तेज रफ्तार और वाहन की गति से यह हादसा अत्यंत गंभीर था। पुलिस ने गहन जांच शुरू कर दी है।
घटनास्थल पर मौजूद अन्य ट्रैफिक कर्मियों और आसपास के लोगों ने तुरंत घायल सिपाही की मदद की, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह दुखद घटना सड़क सुरक्षा और तेज़ रफ्तार के खतरों पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। एक्सप्रेसवे जैसी तेज़ गति वाली सड़कों पर पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर्याप्त नहीं होती।
इस हादसे ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर ध्यान देने की जरूरत को दोबारा उजागर किया। स्पीड रडार सिस्टम, बेहतर ट्रैफिक मॉनिटरिंग और ड्यूटी पर खड़े पुलिसकर्मियों के लिए सुरक्षित स्थान जैसी व्यवस्थाएं जरूरी हैं। इससे न केवल आम लोगों, बल्कि पुलिसकर्मियों की जान भी बचाई जा सकती है।