AIN NEWS 1: दिल्ली के फरवरी 2020 में हुए दंगे भारतीय इतिहास के सबसे खतरनाक और ह्रदयविदारक घटनाओं में से एक रहे हैं। इस घटना में कई लोगों की जान गई, संपत्तियों का नुक़सान हुआ और देश की एकता को खतरा उत्पन्न हुआ। इस दंगे ने देश के विभिन्न हिस्सों में नफ़रत और असहमति की दीवारों को और मजबूत किया। अब, इस हिंसा और असहमति की सच्चाई को दर्शाने वाली फिल्म “2020 दिल्ली” जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म में उस समय की घटनाओं, आरोपियों और उनके कृत्यों का खुलासा किया जाएगा।
शाहरुख पठान की बंदूक की नोंक
दिल्ली दंगों के दौरान शाहरुख पठान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह दिल्ली पुलिस के जवानों की ओर बंदूक तानते हुए दिखाई दे रहे थे। यह घटना इस दंगे का एक प्रमुख और भयावह पहलू बन गई। शाहरुख ने खुलेआम पुलिस पर हमला करने की धमकी दी थी, जिससे न केवल दिल्ली पुलिस के जवानों को बल्कि पूरे देश को यह महसूस हुआ कि स्थिति कितनी भयावह हो चुकी है। यह घटना न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश में दंगे और हिंसा को बढ़ावा देने का कारण बनी।
AAP के दंगाई ताहिर हुसैन और पेट्रोल बम
दंगे के दौरान एक और नाम जो चर्चा में आया वह था आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता ताहिर हुसैन का। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताहिर हुसैन के घर की छत पर दर्जनों पेट्रोल बम रखे गए थे। इन बमों का इस्तेमाल दंगे के दौरान हिंसा को बढ़ावा देने और पुलिस पर हमला करने के लिए किया गया था। हुसैन की भूमिका को लेकर कई विवाद हुए, और यह सवाल खड़ा हुआ कि क्या किसी राजनीतिक नेता का इस तरह से दंगों में शामिल होना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है?
शरजील इमाम का विवादास्पद भाषण
दंगे के दौरान शरजील इमाम का एक भाषण भी काफी चर्चा में रहा था, जिसमें उसने “चिकन नेक” को भारत से अलग करने की बात की थी। इमाम के इस भाषण को देशद्रोह के रूप में देखा गया और उसे गिरफ्तार किया गया। शरजील इमाम के बयान ने यह सवाल खड़ा किया कि क्या कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए देश की एकता और अखंडता को खतरे में डाल सकते हैं?
शफूरा जरगर का चेतावनी भरा भाषण
दिल्ली दंगों के दौरान शफूरा जरगर का भी एक भाषण सामने आया था, जिसमें उसने हिंदुओं को खुलेआम चेतावनी दी थी। शफूरा ने अपने भाषण में दंगे के दौरान हिंसा को जायज ठहराया और हिंदू समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। इस भाषण ने स्थिति को और अधिक जटिल और तनावपूर्ण बना दिया था। शफूरा जरगर का यह बयान भी न्यायपालिका और समाज के सामने एक गंभीर मुद्दा बन गया।
“2020 दिल्ली” फिल्म – एक सच्चाई का पर्दाफाश
अब इस फिल्म “2020 दिल्ली” के जरिए इन सब घटनाओं और उनके नतीजों का पर्दाफाश किया जाएगा। यह फिल्म दंगों की सच्चाई को उजागर करने का एक प्रयास है, जिसमें यह दिखाया जाएगा कि किस तरह से कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए समाज में हिंसा और नफ़रत फैला सकते हैं। यह फिल्म उन सभी सच्चाइयों को सामने लाएगी, जिन पर अब तक पर्दा पड़ा हुआ था।
फिल्म “2020 दिल्ली” का उद्देश्य यह है कि दर्शक दंगों के असली कारणों, प्रभावों और उसकी जड़ को समझें। यह एक ऐतिहासिक फिल्म होगी, जो समाज और राजनीति में हो रहे बदलावों के प्रति लोगों को जागरूक करेगी।
“2020 दिल्ली” फिल्म एक महत्वपूर्ण पहल है, जो दिल्ली दंगों की सच्चाई को उजागर करने का प्रयास करती है। इस फिल्म के माध्यम से उन घटनाओं का खुलासा किया जाएगा, जिन्होंने देश में हिंसा, असहमति और नफ़रत को बढ़ावा दिया। यह फिल्म न केवल दंगों के बारे में जानकारी देती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ऐसे घटनाओं से समाज को कितना नुकसान हो सकता है। इस फिल्म को देखने के बाद लोग दंगों और हिंसा के पीछे के असली कारणों को समझ सकेंगे और देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए जागरूक हो सकेंगे।
The movie “2020 Delhi” reveals the truth behind the Delhi riots of February 2020, shedding light on key figures like Shahrukh Pathan, Tahir Hussain, Sharjeel Imam, and Shafura Zargar. These individuals played controversial roles during the violence, with incidents like Shahrukh Pathan pointing a gun at police, Tahir Hussain storing petrol bombs, Sharjeel Imam advocating separatism, and Shafura Zargar giving inflammatory speeches. This film uncovers the hidden facts about the riots, showing how political motives and inflammatory rhetoric fueled the chaos. “2020 Delhi” aims to raise awareness about the dangers of violence and its long-term impact on society and democracy.