AIN NEWS 1 | मुंबई – महाराष्ट्र की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ देखने को मिल सकता है। शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने इशारा किया है कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे भविष्य में राजनीतिक रूप से एकजुट हो सकते हैं। मराठी अस्मिता को लेकर दोनों नेताओं का मंच साझा करना इस नए समीकरण का संकेत माना जा रहा है।
🟢 हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने पर बवाल
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत स्कूलों में 5वीं कक्षा तक हिंदी अनिवार्य की गई है। विपक्षी दलों ने इस फैसले को मराठी भाषा पर हमला बताते हुए इसका विरोध किया है।
संजय राउत ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि वह और पार्टी कार्यकर्ता जनता के साथ मिलकर इस सरकारी आदेश को जलाएंगे। उन्होंने बताया कि मुंबई में एक विरोध कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें उद्धव ठाकरे खुद शामिल होंगे।
🟢 “राज ठाकरे भी साथ आएंगे” – राउत
संजय राउत ने बड़ा दावा किया कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे भी मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए इस अभियान का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा,
“दोनों नेता अलग-अलग पार्टियों से जरूर हैं, लेकिन विचार एक हैं – मराठी स्वाभिमान। जब वे एक मंच साझा कर रहे हैं, तो क्या यह राजनीतिक गठबंधन की शुरुआत नहीं है?”
🟢 निकाय चुनाव साथ लड़ने के संकेत
जब उनसे पूछा गया कि क्या यह गठबंधन निकाय चुनाव तक जाएगा, राउत ने खुलकर जवाब दिया:
“राज ठाकरे जी ने आह्वान किया था, और उद्धव जी ने उसे सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है। आगे की रणनीति में बहुत कुछ संभव है।”
इस बयान के बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि महाराष्ट्र की नगर निगम चुनावों में ठाकरे बंधु साथ उतर सकते हैं, जिससे सत्ता समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।
Maharashtra politics is heating up with a possible alliance between Uddhav Thackeray and Raj Thackeray. Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut hinted that the two leaders could come together politically, starting with a protest against the state’s Hindi language mandate in schools. With upcoming municipal elections, the stage may be set for a new Marathi unity-driven front in Maharashtra’s political landscape.