AIN NEWS 1: उत्तराखंड राज्य में 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घोषणा के साथ प्रदेश को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया है। धामी सरकार का यह निर्णय पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है और इसे अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तराखंड में UCC लागू करने का उद्देश्य
उत्तराखंड सरकार का मानना है कि एक समान नागरिक संहिता से प्रदेश में सामाजिक समरसता और एकता को बढ़ावा मिलेगा। UCC का मुख्य उद्देश्य सभी धर्मों और समुदायों के लिए एक समान कानून लागू करना है, जिससे किसी भी प्रकार का भेदभाव खत्म किया जा सके। यह कानून विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति से जुड़े मुद्दों में एकरूपता लाने का प्रयास करता है। उत्तराखंड सरकार का मानना है कि एक समान कानून से सभी नागरिकों को न्यायपूर्ण और समान अधिकार मिल सकेंगे।
भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का समर्थन
उत्तराखंड सरकार के इस फैसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने खुशी जताई और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस साहसिक कदम की सराहना की। हुसैन ने कहा कि पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए ताकि सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का पालन हो। उन्होंने इसे राष्ट्रीय एकता और समानता के सिद्धांत को सशक्त करने वाला कदम बताया। हुसैन का मानना है कि UCC से समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक भेदभाव को खत्म करने में मदद मिलेगी।
समान नागरिक संहिता: एक संक्षिप्त परिचय
समान नागरिक संहिता (UCC) का विचार भारतीय संविधान में अनुच्छेद 44 के तहत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि “राज्य, पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास करेगा।” यह एक ऐसा कानून है जो सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करता है, चाहे उनका धर्म, जाति या समुदाय कुछ भी हो। वर्तमान में, विभिन्न धर्मों के अपने-अपने पर्सनल लॉ होते हैं जो विवाह, तलाक, संपत्ति, और उत्तराधिकार के मामलों में अलग-अलग नियमों का पालन करते हैं। UCC लागू होने से इन सभी मुद्दों पर एक समान कानून लागू होगा।
देशभर में UCC लागू करने की मांग
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद देशभर में इसकी मांग बढ़ती जा रही है। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का मानना है कि एक समान नागरिक संहिता भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने में सहायक हो सकती है। हुसैन का कहना है कि अगर पूरे देश में UCC लागू होता है तो यह सभी नागरिकों के बीच समानता की भावना को बढ़ावा देगा और धार्मिक मतभेदों को कम करेगा।
क्या है भविष्य की संभावनाएं?
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से अन्य राज्यों पर भी इस कानून को अपनाने का दबाव बन सकता है। साथ ही, केंद्र सरकार पर भी UCC को पूरे देश में लागू करने का दबाव बढ़ सकता है। यदि UCC राष्ट्रीय स्तर पर लागू होता है, तो यह भारतीय समाज को एक नई दिशा देने में सहायक हो सकता है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार का UCC लागू करने का निर्णय एक साहसिक कदम है, जिससे प्रदेश में सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा मिलेगा। शाहनवाज हुसैन और अन्य नेताओं द्वारा UCC का समर्थन इस बात का संकेत है कि भविष्य में यह कानून पूरे देश में लागू हो सकता है।