AIN NEWS 1: केंद्रीय कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKAY) सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत जुलाई 2024 से दिसंबर 2028 तक मुफ्त फॉर्टिफाइड चावल की आपूर्ति जारी रखने को मंजूरी दी है। इस पहल का उद्देश्य एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को कम करना है। इस योजना के तहत कुल वित्तीय लागत ₹17,082 करोड़ निर्धारित की गई है, जो पूरी तरह से केंद्रीय सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी।
योजना का विस्तार
1. 2022 में कवरेज:
योजना की शुरुआत 2022 में हुई, जब इसे Integrated Child Development Services (ICDS) और PM POSHAN कार्यक्रमों के तहत लागू किया गया।
2. 2023 में विस्तार:
2023 में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए ICDS और PM POSHAN के अलावा 112 आकांक्षात्मक जिलों और 250 ऐसे जिलों को शामिल किया गया जहाँ उच्च स्तर की कुपोषण की घटनाएँ देखने को मिलीं।
3. 2024 में सभी जिलों का समावेश:
2024 में, इस योजना को पहले के सभी क्षेत्रों के साथ-साथ देश के अन्य जिलों तक विस्तारित किया जाएगा, जिसमें PMGKAY भी शामिल है। इस प्रकार, कुल 80 करोड़ नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा।
योजना का उद्देश्य
इस पहल का मुख्य उद्देश्य एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को कम करना है, जो खासकर कमजोर वर्गों में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। फॉर्टिफाइड चावल का उपयोग करके सरकार का लक्ष्य है कि लोगों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सके और कुपोषण की समस्या का समाधान किया जा सके।
वित्तीय पहलू
इस योजना के लिए कुल ₹17,082 करोड़ की लागत आएगी, और यह पूरी तरह से केंद्रीय सरकार द्वारा वित्त पोषित होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि लाभार्थियों को बिना किसी वित्तीय बोझ के फॉर्टिफाइड चावल की उपलब्धता हो सके।
निष्कर्ष
केंद्रीय कैबिनेट का यह निर्णय न केवल खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि यह समाज के कमजोर वर्गों की स्वास्थ्य स्थिति को भी बेहतर बनाने में सहायक होगा। इस प्रकार, यह कदम कुपोषण के खिलाफ एक मजबूत पहल है, जो देश के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद करता है।
इस योजना के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि सभी नागरिकों को पोषणयुक्त आहार मिल सके और उनकी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम किया जा सके।