AIN NEWS 1 दिल्ली – केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित CESL (कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड) के ‘EV एज़ अ सर्विस’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देना और हरित ऊर्जा के प्रति जागरूकता फैलाना है। कार्यक्रम में एक प्रमुख आकर्षण के रूप में, मंत्री खट्टर ने एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर भी चलाया, जो भारत में टिकाऊ कृषि के समर्थन में किया गया एक प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है।
हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने का संकल्प
इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि देश के परिवहन क्षेत्र में ईंधन आधारित वाहनों की संख्या को घटाया जाए और इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग बढ़ाया जाए। इसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण की रक्षा करना है, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत बनाना है। CESL के ‘EV एज़ अ सर्विस’ पहल के तहत इलेक्ट्रिक वाहन उपयोग को सरल और सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
CESL की ‘EV एज़ अ सर्विस’ पहल क्या है?
‘EV एज़ अ सर्विस’ CESL की एक पहल है, जिसके तहत विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को इलेक्ट्रिक वाहनों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसका उद्देश्य संस्थानों को उनके ईंधन खर्च में कमी लाने में सहायता करना और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ावा देना है। इस पहल के अंतर्गत ट्रैक्टर, बस, और अन्य व्यावसायिक वाहनों को भी इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने की योजना है। CESL के मुताबिक, इस तरह की पहलों से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में टिकाऊ और हरित विकास को बल मिलेगा।
ट्रैक्टर चलाने का संदेश
मनोहर लाल खट्टर ने इस कार्यक्रम में एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर चलाया, जो दर्शाता है कि कैसे कृषि क्षेत्र भी हरित ऊर्जा की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने इस अवसर पर कहा, “भारत में कृषि क्षेत्र में ऊर्जा की खपत बहुत अधिक होती है और इसे टिकाऊ बनाना समय की मांग है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर जैसे विकल्प इस दिशा में एक प्रभावी कदम हो सकते हैं।” उनके इस कदम से यह संकेत मिला है कि सरकार कृषि क्षेत्र में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है।
भविष्य की योजनाएं और पर्यावरण पर प्रभाव
CESL के इस कार्यक्रम का उद्देश्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाना है। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि देश की ऊर्जा खपत में भी गिरावट होगी। CESL ने बताया कि आने वाले समय में और अधिक सरकारी और निजी संस्थानों को इस पहल में जोड़ने की योजना है ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों का व्यापक उपयोग हो सके।