AIN NEWS 1 नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा सहयोग भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का महत्वपूर्ण आधार है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक क्षमता-आधारित ढांचे में परिवर्तित करने का उद्देश्य है, जो कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में उल्लेखित कौशल-आधारित शिक्षा पर केंद्रित है।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
1. कौशल-आधारित शिक्षा का विकास: भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, कौशल-आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इससे छात्रों को रोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार किया जा सकेगा।
2. शिक्षा में गुणवत्ता में सुधार: दोनों देशों के बीच सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इससे छात्र और पेशेवर दोनों को लाभ होगा।
3. संस्कृति और ज्ञान का आदान-प्रदान: शिक्षा के माध्यम से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और ज्ञान का आदान-प्रदान होगा। इससे विद्यार्थियों को विभिन्न दृष्टिकोण और अनुभव प्राप्त होंगे।
संभावित पहल
शोध एवं विकास: शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
छात्रों का आदान-प्रदान: भारत और ऑस्ट्रेलिया के विश्वविद्यालयों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं, जिससे छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त होगा।
शिक्षकों का प्रशिक्षण: दोनों देशों के शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं, ताकि वे नवीनतम शिक्षण विधियों और तकनीकों से अवगत हो सकें।
निष्कर्ष
धर्मेंद्र प्रधान की ऑस्ट्रेलियाई मंत्री के साथ यह मुलाकात भारत की शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। यह न केवल शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने का एक कदम है, बल्कि छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का भी एक प्रयास है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा में सहयोग, दोनों देशों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा, जो आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने में मदद करेगा।