Uttar Pradesh Launches CM Krishak Samriddhi Yojana to Provide Low-Interest Loans to Marginal Farmers
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना: सीमांत किसानों को मिलेगा सस्ता ऋण, सहकारिता क्षेत्र में बड़े सुधार की तैयारी
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही सहकारी बैंकों के आधुनिकीकरण और ऋण वितरण क्षमता को भी बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस योजना की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इस योजना का क्रियान्वयन प्रभावी, पारदर्शी और समयबद्ध हो। किसानों को आसानी से और कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। योजना के सफल संचालन के लिए नाबार्ड और सहकारी बैंकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
सहकारी बैंकों का आधुनिकीकरण और विस्तार
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सहकारी बैंकों की ऋण वितरण क्षमता को मजबूत करना इस योजना की सफलता की कुंजी है। उन्होंने कहा कि:
शाखाओं का आधुनिकीकरण किया जाए।
डिजिटल सेवाओं को प्राथमिकता मिले।
ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं सुलभ हों।
इसके साथ ही सहकारी क्षेत्र में आईबीपीएस (IBPS) के माध्यम से बैंकिंग एवं नॉन-बैंकिंग पदों पर भर्ती प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे इन संस्थानों में दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
ऋण वितरण में जबरदस्त बढ़ोतरी
अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश के सहकारी बैंकों द्वारा ऋण वितरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का ऋण वितरण 9190 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2025 में बढ़कर 23061 करोड़ रुपये हो गया है। इसी तरह जिला सहकारी बैंकों का कुल व्यवसाय 28349 करोड़ से बढ़कर 41234 करोड़ रुपये पहुंच गया है। शुद्ध लाभ भी बढ़कर 162 करोड़ रुपये हो गया है।
भंडारण क्षमता में बड़ा विस्तार
किसानों की उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए सरकार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत गोदाम निर्माण पर भी ध्यान दे रही है:
वर्ष 2017 से अब तक 1060 गोदामों का निर्माण किया गया है, जिससे 117350 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता जुड़ी है।
2025-26 तक 100 नए गोदाम बनाने की योजना है।
अन्न भंडारण योजना के अंतर्गत 16 जिलों में 24 बी-पैक्स केंद्रों पर 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम प्रस्तावित हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी नीति बनाई जाए ताकि भंडारण क्षमता को और बढ़ाया जा सके।
एम-पैक्स समितियों की भूमिका और विस्तार
सहकारी क्षेत्र में एम-पैक्स समितियों को अधिक सक्रिय बनाने पर भी विचार किया गया। इन्हें विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा:
पीडीएस (Public Distribution System)
जन औषधि केंद्र
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)
पीएम किसान सम्मान केंद्र
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना
इससे समितियों की व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
जनता दर्शन में फरियादियों की सुनवाई
मुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने जनता दर्शन में 60 से अधिक फरियादियों से मुलाकात की। सबसे ज्यादा शिकायतें प्रयागराज से आईं। फरियादियों की शिकायतों में प्रमुख रूप से:
पुलिस से संबंधित मामले
भूमि विवाद एवं पैमाइश
वृद्धावस्था पेंशन
चिकित्सा सहायता
बिजली कनेक्शन
सड़क निर्माण
मुख्यमंत्री ने सभी शिकायतें ध्यानपूर्वक सुनीं और संबंधित अधिकारियों को त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। इस दौरान बच्चों को चॉकलेट देकर उन्होंने उनका उत्साहवर्धन भी किया।
मेरठ को स्मार्ट और स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में काम
मुख्यमंत्री योगी ने मेरठ शहर को स्मार्ट और दीर्घकालिक रूप से विकसित करने की दिशा में इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान की समीक्षा की। योजना के अंतर्गत:
कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित, जिसकी लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये।
6 परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है।
मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि:
मेरठ को खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाए।
केवल डिजिटल होर्डिंग लगाई जाएं और सीसीटीवी निगरानी तंत्र को सशक्त बनाया जाए।
अतिक्रमण हटाकर शहर को आकर्षक स्वरूप दिया जाए।
ज्वेलरी हब के रूप में मेरठ का विकास
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मेरठ पारंपरिक रूप से आभूषण निर्माण का प्रमुख केंद्र रहा है। इसे ज्वेलरी हब के रूप में विकसित करने पर बल दिया गया। इस क्षेत्र को संगठित कर निर्यात-योग्य उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना केवल एक ऋण योजना नहीं है, बल्कि यह कृषि सुधार, सहकारिता क्षेत्र का सशक्तीकरण, और ग्रामीण विकास का व्यापक कार्यक्रम है। इस योजना से न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि सहकारी संस्थाओं का आधार भी मजबूत होगा। मुख्यमंत्री की पहल से उत्तर प्रदेश एक सशक्त, स्वावलंबी और समृद्ध कृषि राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
The Krishak Samriddhi Yojana, launched by Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath, aims to empower marginal and small farmers by providing low-interest agricultural loans. This farmer welfare scheme focuses on modernizing cooperative banks, expanding loan distribution capacity, and enhancing warehouse infrastructure under the National Agricultural Development Program. The initiative marks a significant step in boosting agriculture reforms in UP, promoting rural economic growth, and ensuring inclusive development for farmers.