AIN NEWS 1 | उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं। राज्य के कई जिले इस आपदा की चपेट में हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को हाई अलर्ट पर डाल दिया है। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों तक तुरंत और पूरी पारदर्शिता के साथ राहत पहुंचाने के लिए ‘टीम-11’ को सक्रिय कर दिया है।
मुख्यमंत्री का यह कदम यह दिखाता है कि सरकार स्थिति की गंभीरता को समझते हुए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिए तैयार है।
किन जिलों में हालात गंभीर?
बाढ़ से प्रभावित 12 जिलों की सूची इस प्रकार है:
प्रयागराज
जालौन
औरैया
हमीरपुर
आगरा
मीरजापुर
वाराणसी
कानपुर देहात
बलिया
बांदा
इटावा
फतेहपुर
इन इलाकों में बाढ़ का पानी घरों और खेतों तक पहुंच चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां लोग राहत और सहायता का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
टीम-11 की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने टीम-11 को जमीनी स्तर पर राहत कार्यों की निगरानी और सहायता वितरण की जिम्मेदारी दी है। इस टीम में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं जो प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे और प्रशासन को जरूरी मार्गदर्शन देंगे।
टीम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि:
राहत सामग्री समय पर पहुंचे
चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध रहें
किसी इलाके को नजरअंदाज न किया जाए
अधिकारी फील्ड में रहें 24×7
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी लगातार फील्ड में उपस्थित रहें। किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि हर अधिकारी को सीधे पीड़ितों के बीच पहुंचकर राहत कार्यों की मॉनिटरिंग करनी चाहिए, ताकि कोई भी समस्या बिना समाधान के न रह जाए।
राहत शिविरों की गुणवत्ता पर ज़ोर
जहां भी राहत शिविर बनाए गए हैं, वहां जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। इनमें शामिल हैं:
साफ और पीने योग्य पानी
पर्याप्त मात्रा में भोजन
प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था
महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी भी पीड़ित को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं है।”
किसानों और ग्रामीणों के लिए राहत
बाढ़ से सबसे अधिक नुकसान किसानों और गरीब ग्रामीण परिवारों को होता है। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई घर पानी में बह गए हैं।
इसलिए योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि:
24 घंटे के भीतर प्रभावित किसानों को राहत राशि दी जाएगी
नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष टीमें गठित की जाएंगी
हर गांव में जाकर नुकसान का मूल्यांकन किया जाएगा
पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी
सीएम योगी ने कहा है कि राहत कार्यों में किसी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलाधिकारियों को रोज़ाना राहत वितरण की रिपोर्ट देने का निर्देश है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहत सामग्री “पहले आओ-पहले पाओ” जैसी मानसिकता से नहीं, बल्कि ज़रूरत के हिसाब से पारदर्शी ढंग से बांटी जाए।
राहत का भरोसा, सरकार का साथ
उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसी आपदा के समय सरकार की सक्रियता और संवेदनशीलता बेहद जरूरी होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिए गए ये निर्देश इस बात का संकेत हैं कि सरकार पूरी तत्परता से लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।
टीम-11 की तैनाती, अधिकारियों की फील्ड उपस्थिति और राहत शिविरों की सख्त निगरानी से यह उम्मीद की जा सकती है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी और पीड़ितों को राहत मिलेगी।
UP Chief Minister Yogi Adityanath has taken swift action to tackle the ongoing flood crisis in 12 districts of Uttar Pradesh including Prayagraj, Agra, Varanasi, and Jalaun. The CM has deployed Team-11 for real-time monitoring and instructed all top officials to stay on the ground 24×7. Relief camps are being set up with facilities like clean drinking water, food, medical assistance, and support for women and children. Special teams will assess damage and compensate affected farmers within 24 hours. This proactive approach ensures transparency and fast response across the state.