AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी गठबंधन में काफ़ी खटपट की खबर आई. लेकिन अब अखिलेश यादव से अब चाचा शिवपाल यादव भी काफ़ी नाराज बताए जा रहे हैं. इस वजह से ही अब अखिलेश यादव की मुसीबत भी बढ़ती जा रही है. दूसरी ओर पार्टी ने भी इस डैमेज को कंट्रोल की तैयारी शुरू कर दी है. निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव के सहयोगियों के अलावा शिवपाल सिंह यादव भी उनसे नाराज बताए जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो इसी वजह से चाचा शिवपाल इस निकाय चुनाव में एक्टिव ही नजर नहीं आ रहे हैं, जितने बीते दिनों उन्हें देखा गया था . सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिवपाल यादव अपने कुछ करीबियों को टिकट दिलाना चाहते थे. इसमें सपा नेता पार्टी का विलय होने के बाद से ही वो अपने साथ आने वालों को टिकट दिलाना चाहते थे.
जाने इन्हें नहीं मिला टिकट
सूत्रों का दावा है कि शिवपाल यादव ने अपने कुछ करीबियों को टिकट दिलाने के लिए एक लिस्ट सपा मुखिया अखिलेश यादव के पास भेजी थी. लेकिन इस लिस्ट को उन्होने नजरअंदाज किया और चाचा शिवपाल के करीबियों को कोई टिकट नहीं मिल पाया है. अखिलेश यादव के इस फैसले के बाद चाचा शिवपाल अभी तक भी चुप हैं, जिसके बाद फ़िर से तमाम सवाल उठने लगे हैं. इस वजह से ही राजनीति के जानकारों का कहना है कि सपा में फिर से काफ़ी अनबन बढ़ सकती है. हालांकि चाचा शिवपाल यादव के अलावा सपा गठबंधन के दल भी उनसे नाराज बताए जा रहे हैं. अपना दल कमेरावादी ने पहले ही अलग होकर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. पार्टी ने कई जगहों पर अपने उम्मीदवार भी उतार दिए हैं. हालांकि इसके अलावा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी अखिलेश यादव के फैसलों से काफ़ी नाराज बताए जा रहे हैं. जिसके बाद आरएलडी ने भी बडौत और बिजनौर में भी अपने सपा के खिलाफ अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं.