AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश पुलिस माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर और एनकाउंटर जैसी कठोर कार्रवाई कर रही है, लेकिन माफियाओं की पत्नियों के खिलाफ पुलिस बेबस नजर आ रही है। जबकि प्रदेश सरकार माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेन्स नीति का दावा करती है, माफिया नेताओं की पत्नियां अब भी पुलिस के गिरफ्त से बाहर हैं।
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन:
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश तेज कर दी गई थी। यूपी पुलिस ने इस मामले में 50,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था। हालांकि, पुलिस और एसटीएफ ने कई राज्यों में छापेमारी की, लेकिन अब तक शाइस्ता का कोई सुराग नहीं मिल पाया। अतीक और अशरफ की हत्या हो चुकी है, और अतीक का बेटा असद भी पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, लेकिन शाइस्ता के खिलाफ पुलिस का जाल अब तक खाली है।
अशरफ की पत्नी और बहन का भी कोई सुराग नहीं:
उमेश पाल हत्याकांड की जांच के दौरान अतीक अहमद के भाई अशरफ की पत्नी जैनब और उसकी बहन आयशा नूरी के नाम भी सामने आए थे। पुलिस के अनुसार, गुड्डू मुस्लिम ने आयशा नूरी के घर पर शरण ली थी, और उसके बाद से ही पुलिस जैनब और आयशा की तलाश कर रही है। इस मामले में दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चल पाया है।
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी:
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी भी फरार है। यूपी पुलिस ने कई बार अफशा के खिलाफ सुराग मिलने की बात की, लेकिन हर बार पुलिस के पहुंचने से पहले अफशा भागने में सफल रही। पुलिस के अनुसार, अफशा लगातार छिपती रही है और हर बार पुलिस को चकमा देती रही है।
अगर यह कहा जाए कि माफियाओं की पत्नियां यूपी पुलिस से दस कदम आगे चल रही हैं, तो यह गलत नहीं होगा। पुलिस माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है, लेकिन उनके परिवार के सदस्य, विशेषकर उनकी पत्नियां, लगातार गिरफ्त से बाहर हैं। इस स्थिति से यह सवाल उठता है कि क्या यूपी पुलिस माफियाओं के खिलाफ अपनी पूरी ताकत लगाकर भी उन तक पहुंचने में सक्षम हो पाएगी या माफिया परिवारों के सदस्य इस खेल में हमेशा एक कदम आगे रहेंगे।