UP Teacher Recruitment Scam: 202 Fake Degrees from JS University Exposed
यूपी में टीचर भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा: जेएस यूनिवर्सिटी की 202 डिग्रियां फर्जी
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को हिला देने वाला सनसनीखेज खुलासा हुआ है। राज्य में हाल ही में हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 203 उम्मीदवारों की जांच की गई, जिसमें से 202 उम्मीदवार फर्जी डिग्रियों के सहारे नौकरी पाने की कोशिश कर रहे थे। यह पूरा मामला झांसी की जेएस यूनिवर्सिटी से जुड़ा है, जिसके खिलाफ अब एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है।
जांच की शुरुआत कैसे हुई?
इस पूरे मामले की जांच एसओजी के एएसपी धर्माराम गिला की टीम ने शुरू की। भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई डिग्रियां संदिग्ध लगने पर टीम ने जेएस यूनिवर्सिटी के सर्वर को खंगाला।
एएसपी धर्माराम गिला ने मीडिया से कहा:
“जांच के दौरान हमें कई डिग्रियों में गड़बड़ी के संकेत मिले। जब हमने यूनिवर्सिटी का सर्वर खंगाला, तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। जिन डिग्रियों के आधार पर उम्मीदवारों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था, उनमें से 202 फर्जी निकलीं। सिर्फ एक उम्मीदवार ही असली पाया गया।”
सीटों से ज्यादा डिग्रियां, कैसे संभव?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जेएस यूनिवर्सिटी को हर शैक्षणिक सत्र में केवल 100 सीटों की मान्यता है। लेकिन भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने वाले 2082 उम्मीदवारों ने यही दावा किया कि उन्होंने इस यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल की है। यह संख्या यूनिवर्सिटी की निर्धारित क्षमता से 20 गुना ज्यादा है।
शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद मिश्रा कहते हैं:
“जब किसी यूनिवर्सिटी की सीटें सिर्फ 100 हों और वह हजारों लोगों को डिग्री दे रही हो, तो इसका मतलब है कि यह संगठित फर्जीवाड़ा है। ऐसे मामले पूरे शिक्षा तंत्र को बदनाम करते हैं।”
फर्जी डिग्रियों का खेल
जांच में यह सामने आया कि डिग्री फर्जीवाड़ा करने के लिए एक संगठित गिरोह काम कर रहा था। यह गिरोह मोटी रकम लेकर डिग्रियां तैयार करता था। डिग्रियों पर नकली रजिस्ट्रेशन नंबर, स्टैम्प और हस्ताक्षर भी लगाए जाते थे ताकि वह असली दिखें।
एक नाम न बताने की शर्त पर एक आरोपी ने बताया:
“इस गिरोह में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनका सीधा संपर्क यूनिवर्सिटी से है। हर डिग्री के लिए 50 हजार से एक लाख रुपये तक वसूले जाते थे।”
असली डिग्री धारक की कहानी
इस पूरी भर्ती में सिर्फ एक उम्मीदवार की डिग्री असली निकली। हालांकि सुरक्षा कारणों से उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। लेकिन उस उम्मीदवार ने कहा:
“मुझे डर था कि कहीं मेरी डिग्री भी फर्जी साबित न हो जाए। जब जांच के बाद मेरी डिग्री सही पाई गई, तब जाकर चैन मिला।”
सरकारी प्रतिक्रिया
मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। सभी फर्जी डिग्री वाले उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द कर दी गईं और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। शिक्षा मंत्री ने सख्त शब्दों में कहा:
“ऐसे लोग जो फर्जी डिग्री लेकर नौकरी पाने की कोशिश करते हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। शिक्षा जैसी पवित्र प्रक्रिया को दूषित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
भर्ती प्रक्रिया पर सवाल
यह मामला कई सवाल खड़े करता है। जब भर्ती प्रक्रिया में इतनी बड़ी संख्या में फर्जी डिग्रियां आ सकती हैं, तो यह भर्ती तंत्र की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल है।
शिक्षा से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता रवि शुक्ला कहते हैं:
“अगर शिक्षक ही फर्जी डिग्री लेकर आएंगे तो वह बच्चों को क्या सिखाएंगे? यह सिर्फ शिक्षा का नहीं बल्कि समाज का नुकसान है।”
यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भी शक
एसओजी अब जेएस यूनिवर्सिटी प्रशासन को भी जांच के घेरे में ले रही है। सवाल यह है कि जब यूनिवर्सिटी को सिर्फ 100 सीटों की मान्यता है, तो उसने हजारों छात्रों को कैसे दाखिला दिया और डिग्री जारी की?
एएसपी धर्माराम गिला ने कहा:
“हम यूनिवर्सिटी प्रशासन से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। अगर उनकी संलिप्तता मिली, तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
भविष्य की चुनौतियां
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए डिग्रियों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन सिस्टम मजबूत करना जरूरी है।
डॉ. प्रमोद मिश्रा का सुझाव है:
“हर डिग्री का एक यूनिक क्यूआर कोड होना चाहिए जिसे आसानी से वेरिफाई किया जा सके। नियुक्तियों के समय डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन को और सख्त किया जाए, तभी इस समस्या पर लगाम लग सकती है।”
यूपी की टीचर भर्ती में सामने आया यह फर्जीवाड़ा सिर्फ एक घोटाला नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। जब शिक्षक ही फर्जी डिग्री लेकर पढ़ाने आएंगे, तो समाज में गलत संदेश जाएगा और आने वाली पीढ़ियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा। यह मामला सरकार और शिक्षा तंत्र दोनों के लिए सबक है कि समय रहते भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती लाना बेहद जरूरी है।
A shocking teacher recruitment scam in Uttar Pradesh revealed that 202 out of 203 degrees from JS University were fake. The SOG investigation exposed an organized fake degree racket, questioning transparency in recruitment and education quality. This scam highlights the urgent need for strict verification processes in teacher appointments to safeguard the future of students and maintain trust in the education system.