UP Workers in Israel Send 1400 Crore INR Home, 3000 More Ready to Join Work
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के कुशल मजदूरों की विदेशों में मांग तेजी से बढ़ रही है। खासकर इजराइल में, जहां युद्ध के कारण भारी तबाही के बाद निर्माण कार्यों के लिए बड़ी संख्या में वर्करों की जरूरत पड़ी। मौजूदा समय में लगभग 6,000 मजदूर इजराइल में काम कर रहे हैं और अब 3,000 और मजदूर वहां जाने की तैयारी में हैं।
2024 में 1400 करोड़ रुपये घर भेजे
श्रम और रोजगार विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इजराइल में काम कर रहे इन मजदूरों ने वर्ष 2024 में करीब 1,400 करोड़ रुपये अपने घर भेजे। इनमें बढ़ई, राजमिस्त्री, फ्रंट ऑफिस मैनेजर, मॉल मैनेजमेंट और तकनीकी क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल हैं। ये मजदूर औसतन हर महीने 1.5 से 2 लाख रुपये तक कमा रहे हैं। कई मजदूर ओवरटाइम करके इससे भी ज्यादा आमदनी कर लेते हैं।
मजदूरों के अनुभव
रामकिशोर (गोंडा जिले से), जो पिछले साल इजराइल गए थे, बताते हैं:
“मैं गांव में राजमिस्त्री का काम करता था लेकिन इतना पैसा नहीं कमा पाता था। यहां आकर महीने में डेढ़ से दो लाख रुपये घर भेज पा रहा हूं। मेरी बेटी को अच्छे स्कूल में दाखिला दिला दिया है और घर बनाने का सपना भी पूरा कर रहा हूं।”
संदीप यादव (जौनपुर से), जो मॉल मैनेजमेंट में काम कर रहे हैं, कहते हैं:
“शुरुआत में भाषा और संस्कृति समझने में दिक्कत आई, लेकिन अब सब ठीक है। यहां काम के घंटे तय हैं और मेहनत का सही पैसा मिलता है। गांव के कई लोग अब मुझसे पूछ रहे हैं कि इजराइल कैसे जाया जा सकता है।”
युद्ध के बाद बढ़ी मांग
इजराइल और हमास के बीच युद्ध के दौरान कई इमारतें, सड़कें और अन्य संरचनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। इनकी मरम्मत और नए निर्माण कार्यों के लिए कुशल मजदूरों की मांग बढ़ी। इस स्थिति को देखते हुए इजराइल ने उत्तर प्रदेश से प्रशिक्षित मजदूरों को अपने यहां बुलाया।
3 हजार मजदूर और जाएंगे इजराइल
श्रम और रोजगार विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम के अनुसार, 3,000 और मजदूरों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वे जल्द ही इजराइल रवाना होंगे। उन्होंने बताया कि यह डेटा NSDC (नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) से लिया गया है और विभाग ने इसकी जांच भी कर ली है।
सिर्फ इजराइल ही नहीं, अन्य देशों में भी मांग
उत्तर प्रदेश के मजदूरों की मांग केवल इजराइल तक सीमित नहीं है। अन्य देशों में भी यूपी के श्रमिकों के लिए अवसर खुल रहे हैं।
जर्मनी: नर्सों की भारी मांग है।
जापान: केयरगिवर्स की जरूरत है।
क्रोएशिया: प्लंबर और इलेक्ट्रीशियन के लिए रिक्तियां हैं।
इसके अलावा, भारत के कई हिस्सों से भी मांग आ रही है। चेन्नई के कुछ ठेकेदारों ने गन्ना काटने के लिए 1,000 कृषि मजदूरों की मांग की है।
उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन की तैयारी
उत्तर प्रदेश सरकार अब एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन बनाने की तैयारी कर रही है। इस मिशन का उद्देश्य राज्य के युवाओं को देश और विदेश में रोजगार के अवसर दिलाना है।
लक्ष्य: 1 लाख से अधिक मजदूरों को नौकरी दिलाना।
बजट: 200 करोड़ रुपये निर्धारित।
संरचना: सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत एक विशेष सोसाइटी बनाई जाएगी।
विशेषता: पहली बार राज्य सरकार खुद विदेशी नौकरी प्लेसमेंट के लिए भर्ती लाइसेंस लेकर काम करेगी।
मजदूरों के लिए बड़ा अवसर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल यूपी के युवाओं और मजदूरों के लिए बड़े अवसर पैदा करेगी। विदेशों में काम करने वाले मजदूर जहां अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे, वहीं राज्य में विदेशी मुद्रा का प्रवाह भी बढ़ेगा।
इजराइल क्यों चुन रहे हैं मजदूर?
इजराइल में मजदूरों को भारतीय मानकों की तुलना में ज्यादा वेतन मिलता है।
औसतन मासिक आय: 1.5 से 2 लाख रुपये
ओवरटाइम से अतिरिक्त कमाई
सुरक्षित और संगठित कार्य परिवेश
कई मजदूरों का कहना है कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई, घर बनाने और परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए विदेश जाना पसंद कर रहे हैं।
प्रवीण कुमार (बलिया से) कहते हैं:
“यहां रहना आसान नहीं है, लेकिन पैसों की वजह से सब झेल लेते हैं। घरवालों के लिए भेजे गए पैसे से मेरा छोटा भाई कॉलेज में पढ़ रहा है और परिवार की स्थिति पहले से कहीं बेहतर है।”
Skilled workers from Uttar Pradesh are increasingly finding employment opportunities abroad, particularly in Israel, which has seen a surge in demand for construction and technical workers after the recent conflict. In 2024 alone, over 6,000 UP workers in Israel sent home around 1400 crore INR, with an additional 3,000 workers ready to join soon. This growing overseas employment trend is supported by the UP Employment Mission, aiming to help more than 100,000 workers secure jobs across Israel, Germany, Japan, Croatia, and within India.