AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में हो रहे नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव के बीच मीरापुर सीट पर भारी हंगामा हुआ है। यह घटना मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर क्षेत्र में हुई, जहां वोटिंग के दौरान भारी भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है।
समाजवादी पार्टी का आरोप
समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस घटना के बाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि मीरापुर विधानसभा के बूथ संख्या 318 पर पुलिस ने मतदाताओं के साथ अभद्रता की और महिलाओं पर लाठीचार्ज किया। पार्टी ने चुनाव आयोग से निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने की मांग की है।
कुंदरकी से भी हंगामे की खबर
मीरापुर के अलावा, कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र से भी हंगामे की खबरें आ रही हैं, हालांकि इन घटनाओं की पूरी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
उपचुनावों में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में
इन उपचुनावों में कुल 90 उम्मीदवार मैदान में हैं। सबसे अधिक 14 उम्मीदवार गाजियाबाद सीट से हैं, जबकि खैर (सुरक्षित) और सीसामऊ सीटों पर केवल पांच-पांच उम्मीदवार ही किस्मत आजमा रहे हैं। उपचुनाव में प्रमुख राजनीतिक दलों की स्थिति पर असर तो नहीं पड़ेगा, लेकिन यह चुनाव विभिन्न पार्टियों को एक संदेश जरूर देगा।
उपचुनाव का महत्व
इन उपचुनावों में कुल नौ सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं, जिनमें से आठ सीटें मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने या दोषी ठहराए जाने के कारण खाली हुई हैं। इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव के परिणाम उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए अहम हो सकते हैं।
कौन-कौन सी सीटों पर हो रहे हैं उपचुनाव?
उत्तर प्रदेश के जिन नौ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहे हैं, वे हैं:
1. कटेहरी (अम्बेडकर नगर)
2. करहल (मैनपुरी)
3. मीरापुर (मुजफ्फरनगर)
4. गाजियाबाद
5. मझवां (मिर्जापुर)
6. सीसामऊ (कानपुर नगर)
7. खैर (अलीगढ़)
8. फूलपुर (प्रयागराज)
9. कुंदरकी (मुरादाबाद)
पार्टी की स्थिति और उम्मीदवारों की संख्या
सपा, भाजपा, रालोद, बसपा, कांग्रेस, और अन्य पार्टियों ने इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा और रालोद की गठबंधन के कारण मीरापुर सीट पर भाजपा का दबदबा माना जाता है। वहीं, कांग्रेस ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत सपा का समर्थन कर रही है।
विधानसभा में वर्तमान स्थिति
वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 251 विधायक हैं, जबकि सपा के 105 विधायक हैं। भाजपा के सहयोगी दलों में अपना दल (सोनेलाल) के 13, रालोद के 8, सुभासपा के 6 और निषाद पार्टी के 5 विधायक हैं। कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो-दो विधायक हैं, जबकि बसपा का एक विधायक है।
इन उपचुनावों के परिणाम विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा या विपक्षी सपा के लिए ज्यादा बदलाव नहीं लाएंगे, लेकिन यह आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा तय करने में मदद कर सकते हैं।