Sunday, February 23, 2025

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 पर हंगामा: राजनीतिक दांव या असंभव मांग?

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 फिर से लागू करने की मांग पर विवाद

बीजेपी का दावा: “370 अब इतिहास बन चुका है, इसे वापस लागू करना संभव नहीं”

नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का विरोध, कांग्रेस ने भी जताई असहमति

AIN NEWS 1: महाराष्ट्र के वाशिम में चुनावी रैली के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुच्छेद 370 हटाने के सकारात्मक प्रभाव पर जोर दिया। योगी ने जम्मू एयरपोर्ट पर एक मौलवी से ‘राम-राम’ कहे जाने का एक किस्सा साझा करते हुए इसे एकता का संदेश बताया। उन्होंने अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद कश्मीर में बदलावों को रेखांकित किया, और महाराष्ट्र की जनता से देश की एकता को प्राथमिकता देने की अपील की।

इस बीच, जम्मू-कश्मीर में हाल ही में नई उमर अब्दुल्ला सरकार ने विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली का प्रस्ताव रखा, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस प्रस्ताव का नेतृत्व जम्मू के नौशेरा से चुने गए डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने किया, जो एक हिंदू नेता हैं। इससे विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ और लगातार दूसरे दिन भी विधायक खुर्शीद अहमद शेख अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को लेकर बैनर लेकर पहुंचे।

बीजेपी और सुप्रीम कोर्ट का रुख

बीजेपी का साफ कहना है कि अनुच्छेद 370 को अब दोबारा लागू करना असंभव है। अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति की शक्तियों का इस्तेमाल करके जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को वैध करार दिया है, और यह स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर की विशेष स्वायत्तता अब समाप्त हो चुकी है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रपति के पास 370 हटाने की संवैधानिक शक्ति है, इसलिए इसे दोबारा लागू करने के लिए न केवल केंद्र सरकार बल्कि राष्ट्रपति की सहमति की जरूरत होगी। वर्तमान राजनीतिक माहौल में इसे लागू करने की संभावना न के बराबर है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी का विरोध

नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसे क्षेत्रीय दल अनुच्छेद 370 की बहाली के मुद्दे को अपने राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनाए हुए हैं। इनके अनुसार, अनुच्छेद 370 हटाने से जम्मू-कश्मीर की पहचान कमजोर हुई है। वहीं कांग्रेस पार्टी, जो कि बीजेपी के इस फैसले की आलोचक रही है, ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली का जिक्र नहीं किया, केवल पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने इसे हटाने के तरीके पर असहमति जताई थी, मगर कांग्रेस ने इसे दोबारा लागू करने का वादा नहीं किया है।

राजनीतिक दांव और वास्तविकता

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद दो संविधान और दो निशान का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद इसे दोबारा लागू करना कानूनी रूप से संभव नहीं है, भले ही क्षेत्रीय दल इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर अपने समर्थकों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।

 

 

- Advertisement -
Ads
AIN NEWS 1
AIN NEWS 1https://ainnews1.com
सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
कुंभ में कोई खो जाए तो क्या करें? तुरंत उठाएं ये जरूरी कदम! किस गाय का दूध सबसे स्वादिष्ट होता है? भारत का गोल्ड एटीएम: एक अनोखी पहल rusk factory video shared by doctor saying why children should not be fed rusk Heavy Rainfall in India, Various cities like Delhi, Gurgaon suffers waterlogging