AIN NEWS 1 | हरियाणा की मनोरंजन इंडस्ट्री इन दिनों बड़े विवाद के कारण सुर्खियों में है। हरियाणवी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता और गायक उत्तर कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक लोकप्रिय हरियाणवी अभिनेत्री ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के कुछ ही समय बाद पुलिस कस्टडी में उनकी तबीयत बिगड़ गई और रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उनके शरीर में जहर पाया गया है। इस खबर ने न केवल उनके फैंस बल्कि पूरी इंडस्ट्री को हैरान कर दिया।
लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर उत्तर कुमार कौन हैं, उनका करियर कैसा रहा है और अचानक वह इस बड़े विवाद में कैसे घिर गए। आइए विस्तार से जानते हैं।
शुरुआती जीवन और पढ़ाई
उत्तर कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के बेहता हाजीपुर गांव में हुआ। बचपन से ही वह कला और अभिनय के शौकीन थे। परिवार साधारण था, लेकिन उन्होंने कभी अपने सपनों को छोटा नहीं माना। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन (AAFT) से फिल्म और अभिनय की शिक्षा ली। यहीं से उनकी फिल्मी यात्रा की शुरुआत हुई।
हरियाणवी सिनेमा में पहचान
उत्तर कुमार को हरियाणवी फिल्म इंडस्ट्री में पहचान दिलाने वाली फिल्म थी ‘धाकड़ छोरा’। यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई और हरियाणवी सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाती है। इस फिल्म के बाद वह घर-घर में मशहूर हो गए और लोगों ने उन्हें देसी अंदाज के लिए खूब सराहा।
इसके बाद उन्होंने ‘बेधड़क’, ‘बावली’, और ‘करुणा’ जैसी फिल्मों में भी काम किया। उनकी फिल्मों की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि वह हमेशा ग्रामीण जीवन, आम आदमी के संघर्ष और सामाजिक मुद्दों को अपनी कहानियों के केंद्र में रखते थे।
गायकी और म्यूजिक करियर
सिर्फ फिल्मों में अभिनय ही नहीं, बल्कि उत्तर कुमार ने सिंगिंग में भी अपनी अलग पहचान बनाई। उनके गाए कई गाने हरियाणा और उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय हुए। इनमें प्रमुख हैं –
मेरे दिल में कर गया घायल
उठी-उठी
सबते सोहनी
तारीफ
इन गानों ने उन्हें हरियाणवी संगीत प्रेमियों के बीच और भी ज्यादा लोकप्रिय बना दिया।
निर्देशन में कदम
उत्तर कुमार ने अपनी रचनात्मकता का परिचय निर्देशन में भी दिया। उन्होंने ‘खटारा’ और ‘कंवर साहब’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया। उनके डायरेक्शन में बनी फिल्मों में भी वही देसी टच और यथार्थवादी कहानियां झलकती थीं, जो उनकी फिल्मों की पहचान बन चुकी थी।
विवाद और गिरफ्तारी
जून 2025 में उन पर सबसे बड़ा विवाद खड़ा हुआ। एक जानी-मानी हरियाणवी एक्ट्रेस ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। शिकायत मिलते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
उनकी गिरफ्तारी के बाद यह मामला मीडिया और सोशल मीडिया दोनों में चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोग अभिनेत्री के समर्थन में सामने आए, वहीं उनके फैंस ने कहा कि जांच पूरी होने से पहले किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए।
पुलिस कस्टडी और तबीयत बिगड़ना
मामला और गंभीर तब हो गया जब खबर आई कि पुलिस कस्टडी में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उनके इंस्टाग्राम हैंडल से एक पोस्ट शेयर किया गया, जिसमें दावा किया गया कि उनकी बॉडी में जहर पाया गया है।
इस दावे के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि यह जहर कहां से आया और यह घटना कैसे हुई, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस वजह से पूरा मामला और पेचीदा हो गया है।
सोशल मीडिया पर बहस
सोशल मीडिया पर लोग इस केस को लेकर बंट गए हैं।
एक पक्ष मानता है कि कस्टडी में रहते हुए जहर मिलना बेहद गंभीर मामला है और इसकी पारदर्शी जांच होनी चाहिए।
दूसरा पक्ष कहता है कि अभी केस कोर्ट में है और सच सामने आने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।
क्यों खास रहा उनका फिल्मी सफर
हरियाणवी इंडस्ट्री को पहचान दिलाने में उत्तर कुमार की भूमिका अहम रही है। उन्होंने ऐसी कहानियों को पर्दे पर उतारा, जिनमें देहात का जीवन, आम लोगों की दिक्कतें और स्थानीय संस्कृति दिखती थी। यही वजह है कि लोग उनसे आसानी से जुड़ जाते थे।
‘धाकड़ छोरा’ जैसी फिल्मों ने हरियाणवी सिनेमा को नया मुकाम दिया और उत्तर कुमार को ‘देसी सुपरस्टार’ बना दिया।
आगे की राह
फिलहाल मामला कोर्ट में है और पुलिस जांच कर रही है। अगर आरोप साबित होते हैं तो यह उनके करियर और छवि दोनों के लिए बड़ा झटका होगा। लेकिन अगर वह निर्दोष साबित होते हैं तो यह उनके लिए राहत की बात होगी।
कस्टडी में उनकी तबीयत बिगड़ने और जहर मिलने की खबर ने इस पूरे विवाद को और उलझा दिया है। अब सबकी नजरें आने वाले फैसलों और जांच की रिपोर्ट पर टिकी हैं।
उत्तर कुमार हरियाणवी सिनेमा के बड़े नामों में गिने जाते हैं। उनकी फिल्मों ने इंडस्ट्री को नई पहचान दिलाई। लेकिन हालिया विवाद ने उनकी छवि पर गहरा असर डाला है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट और जांच एजेंसियां किस नतीजे पर पहुंचती हैं।