AIN NEWS 1 : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में परी चौक पर किसानों द्वारा आयोजित ‘दिल्ली चलो’ मार्च को पुलिस ने रोक दिया और कई किसानों को गिरफ्तार कर लिया। यह मार्च किसानों द्वारा कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध व्यक्त करने के लिए निकाला जा रहा था। किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानून उनके लिए हानिकारक हैं और वे अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने का इरादा रखते थे।
आज सुबह किसानों ने ग्रेटर नोएडा के परी चौक पर एकत्रित होना शुरू किया, जहां उनका उद्देश्य दिल्ली के लिए रुख करना था। लेकिन पुलिस ने उनके मार्च को रोकने के लिए भारी बंदोबस्त किया था। पुलिस ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर बेहद नाराज थे और उन्होंने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों के लागू होने से उनका जीवन और भी कठिन हो जाएगा। उनका कहना था कि ये कानून किसानों के फायदे के बजाय बड़े व्यापारियों के लाभ में काम करेंगे, जिससे उनकी हालत और भी खराब होगी। इस कारण, वे अपनी आवाज उठाने के लिए दिल्ली की ओर मार्च कर रहे थे।
पुलिस ने किसानों को धरना स्थल से हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया और उन्हें गिरफ्तार करने के बाद उन्हें पुलिस थाने भेज दिया। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई थी, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
फिलहाल, ग्रेटर नोएडा और आसपास के इलाकों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है। प्रदर्शनकारियों की ओर से किसी प्रकार की उग्रता न हो, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है। पुलिस का कहना है कि यदि किसान फिर से प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना उस समय सामने आई है, जब पूरे उत्तर प्रदेश में किसानों के विरोध प्रदर्शन में तेजी आई है और किसानों का दबाव केंद्र सरकार पर बढ़ता जा रहा है। किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि वे तब तक शांतिपूर्ण विरोध करते रहेंगे, जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता।
कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं और उनका कहना है कि ये कानून उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं। हालांकि सरकार ने इन कानूनों का समर्थन किया है और इसे किसानों के लिए लाभकारी बताया है।