उत्तर प्रदेश:जमीन-मकान की रजिस्ट्री होगी काफ़ी आसान, विक्रेता-खरीदार दोनों की ही अब ऐसे होगी पहचान?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में जमीनों के रजिस्ट्री में किसी भी प्रकार से फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब सभी क्रेता-विक्रेता के फिंगर प्रिंट का उनके आधार डाटा में फीड फिंगर हुए प्रिंट से भी मिलान होने पर ही किसी जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। इसके लिए निबंधन विभाग के आदेश पर ही रजिस्ट्रार कार्यालयों में मशीनें लगने के बाद अब ट्रायल भी शुरू हो चुका है। अब जमीन या संपत्ति की रजिस्ट्री में किसी भी प्रकार से फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। अभी तक जमीन की रजिस्ट्री में हो रहे सभी फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सरकार ने अब आधार से इसका सत्यापन कराना अनिवार्य कराए जाने का ट्रायल भी शुरू किया गया है। एनआईसी के स्तर पर यह सारा कार्य किया जा रहा है।अब तक रजिस्ट्रार कार्यालयों में ही क्रेता-विक्रेता के बायोमीट्रिक मशीन से उनके हाथों के अंगूठों व अंगुलियों की निशानी ली जाती थी लेकिन इसे आधार डाटा से अभी तक वेरिफाई नहीं किया जाता था। जिसमें फर्जीवाड़ा होने की आशंका ज्यादा ही रहती है।

 

लेकीन इस नई व्यवस्था में कोई भी विक्रेता एक ही जमीन को फर्जीवाड़ा कर दो बार नहीं बेच सकेगा

इसके साथ ही किसी के बेनामी जमीन की बिक्री भी पूरी तरह से रुक जाएगी। जमीन के दस्तावेजों में आधार कार्ड की पूरी जानकारी तो देनी ही होगी, अंगुलियों के निशान लेकर इसका आधार डाटा से भी सत्यापन किया जाएगा।

एनआईसी कर रहा है आधार लिंक की पूरी कार्यवाही

रजिस्ट्रार कार्यालयों में इस तरह रजिस्ट्री का सॉफ्टवेयर डिजिटल रूप से आधार से लिंकअप हो जाएगा। इसके बाद ही कोई जमीन की रजिस्ट्री हो पाएगी। वहीं, संपत्ति की खरीदारी को भी इससे नहीं छुपाया जा सकेगा। आधार से लिंक अप रहने के कारण ही इसे जब चाहे आधार ओपन कर देखा भी जा सकता है।

यहां हम आपको बता दें आधार सत्यापन की नई व्यवस्था लागू होने से पूर्व अक्सर यह शिकायत काफ़ी ज्यादा सामने आती थी कि फर्जीवाड़ा कर कोई भी किसी की जमीन रजिस्ट्री करा लेता था और क्रेता के मरने के बाद ही यह मामला सामने आता था, उस समय इसे पूरी तरह से साबित करना मुश्किल हो जाता था। अब इस तरह के सभी फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।

यहां हम आपको बता दें अब तक यह है व्यवस्था 

बता दें निबंधन विभाग के अनुसार ही रजिस्ट्रार कार्यालय में क्रेता-विक्रेता के अंगूठों व अंगुलियों की निशानी बायोमीट्रिक मशीन के जरिए ही ली जाती है। अब यह मशीन आधार की साइड से ही लिंक्ड होगी। एआईजी स्टांप बृजेश कुमार के अनुसार अब किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री की प्रक्रि आधार कार्ड से अटैच हो जाएगी। ज्यादातर आरडी डिवाइस इंस्टॉल हो चुका हैं। लखनऊ निबंधन विभाग के सर्वर से ही इसको जोड़ा जा रहा है। अभी केवल इसका ट्रायल चल रहा है।

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