AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली किठौर विधानसभा क्षेत्र राजनीति चर्चाओं में हमेशा से ही रहा है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां से कुल 16,737 मतों से ही गठबंधन के सपा प्रत्याशी से पीछे ही रही। जबकि अभी दो साल पहले ही 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी यहां पर सपा प्रत्याशी से भाजपा को बेहद करीबी मुकाबले में मात्र 2,180 मतों से ही हार गई थी। अब यह मात्र दो साल में ही भाजपा ने यहां करीब 14 हजार अपने मत गवाएं हैं। भाजपा प्रत्याशी को कुल 16737 मत यहां पर मिले है।
इतना ही नहीं कई बूथों पर तो भाजपा को यहां पर 10 से भी कम मत मिले
यहां हम आपको बता दें लोकसभा चुनाव में इस इस बार बेहद चौंकाने वाले परिणाम ही सामने आए हैं। मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र की अगर कैंट विधानसभा क्षेत्र को भी छोड़ दें तो इसके साथ ही अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों में भी भाजपा को गठबंधन के सपा प्रत्याशी के समक्ष अपनी हार का सामना ही करना पड़ा है। बात अगर किठौर विधानसभा क्षेत्र की हम करें तो यहां से भी पूर्व में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को मात्र 2,180 मतों से ही हार देखनी पड़ी थी।
इसके अलावा लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यहां सिसौली गांव में एक अपनी जनसभा कर भाजपा के ही लिए माहौल बनाने का खूब प्रयास किया, लेकिन यह भी पूरी तरह से बेअसर रहा। इस विधान सभा क्षेत्र के ही तमाम गांवों में सपा का पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) ने भी अपना खूब रंग जमाया। इसका यही परिणाम रहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़े वर्ग बहुल सभी गांवों में गठबंधन प्रत्याशी के लिए ही खूब वोट हुआ।
इस बार कुल 109 बूथों पर सैकड़ा भी नहीं कर सकी भाजपा
यहां हम आपको बता दें किठौर विधानसभा क्षेत्र में हुए मतदान की अगर समीक्षा करते हैं तो सामने आता है कि इस क्षेत्र के कुल 395 बूथों में से कुल 109 बूथों पर भाजपा पार्टी को कुल 100 से भी कम वोट मिले हैं। जबकि यहां पर गठबंधन के सपा प्रत्याशी को इस विधानसभा क्षेत्र में ही मात्र 63 बूथों पर सैंकड़ा नहीं लगा सकी। इस विधानसभा में सबसे ज्यादा खराब स्थिति बसपा पार्टी की रहीं। यहां पर बसपा प्रत्याशी को कुल 322 बूथों पर 100 से कम वोट प्राप्त हुए है। इस दौरान मात्र 73 ही ऐसे बूथ थे जहां पर बसपा को 100 से अधिक मत प्राप्त हो सके हैं।