AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश पुलिस की शक्तियों में वृद्धि हुई है। अब पुलिस को वित्तीय गड़बड़ी की जांच का अधिकार भी प्राप्त हो गया है। इसके लिए फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) पोर्टल पर जिले के एक पुलिस अधिकारी का विवरण दर्ज किया जा रहा है। इस नई व्यवस्था के तहत, जिले में टेरर फंडिंग या वित्तीय गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर एसपी (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) अपनी देखरेख में जांच और कार्रवाई कर सकेंगे।
नई व्यवस्था की विशेषताएँ:
1. पोर्टल पर दर्जीकरण: एफआईयू पोर्टल पर जिले के एक नोडल पुलिस अधिकारी का विवरण दर्ज किया जा रहा है।
2. जांच और कार्रवाई : अब एसपी सीधे वित्तीय गड़बड़ी की जांच और कार्रवाई कर सकेंगे। पहले, यह काम अन्य एजेंसियों द्वारा किया जाता था और पुलिस केवल सूचना साझा करती थी।
3. मानीटरिंग और रिपोर्टिंग : मुख्यालय के निर्देश पर जोन स्तर पर मानीटरिंग की व्यवस्था की गई है। एडीजी (असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल) जिले के नामित अफसरों का विवरण मुख्यालय को भेजेंगे, जो पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
4. फायदा : नई व्यवस्था से अब आरोपियों को बचने का मौका कम मिलेगा, क्योंकि नोडल पुलिस अधिकारी तुरंत कार्रवाई कर सकेंगे।
गोरखपुर में एसपी सिटी को जिम्मेदारी:
मुख्यालय के पत्र के बाद, एडीजी गोरखपुर ने एसएसपी (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) डॉ. गौरव ग्रोवर को एसपी सिटी को नामित करने का निर्देश दिया है। अब एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई को वित्तीय गड़बड़ी की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
एसएसपी का बयान:
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के नोडल एसपी सिटी को नामित किया गया है और इस संबंध में जानकारी मुख्यालय को भेज दी गई है।