Wednesday, January 29, 2025

हरिद्वार के विधायक उमेश कुमार और कुंवर प्रणव चैंपियन की दुश्मनी की कहानी: दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर?

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हरिद्वार के विधायक उमेश कुमार और कुंवर प्रणव चैंपियन की दुश्मनी की कहानी: दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर

“Umesh Kumar vs Pranav Champion: From Friendship to Political Rivalry in Haridwar”

AIN NEWS 1: हरिद्वार के खानपुर से विधायक उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच तनाव और दुश्मनी का सिलसिला पिछले कई सालों से चल रहा है। हाल ही में हुई गोलीबारी की घटना ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है। दोनों नेताओं की यह दुश्मनी कभी दोस्ती हुआ करती थी, लेकिन समय के साथ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा ने इसे दुश्मनी में बदल दिया।

कैसे शुरू हुई दुश्मनी?

उमेश कुमार और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन एक समय अच्छे दोस्त थे। लेकिन राजनीति में अलग-अलग विचारधाराओं और सत्ता की लड़ाई ने इनकी दोस्ती को तोड़ दिया। 2022 के विधानसभा चुनाव में चैंपियन ने अपनी पत्नी को उमेश कुमार के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था। हालांकि, इस चुनाव में चैंपियन की पत्नी को हार का सामना करना पड़ा, और यही हार दोनों के बीच रिश्ते बिगाड़ने का मुख्य कारण बन गई।

ताजा विवाद: फायरिंग और पिस्टल के साथ बदला लेने की कोशिश

25 जनवरी की रात को, उमेश कुमार अपने समर्थकों के साथ चैंपियन के लंढोर स्थित घर पहुंचे। यह घटना चैंपियन द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट के बाद हुई। हालांकि, चैंपियन उस वक्त घर पर नहीं थे, और उमेश कुमार को वापस लौटना पड़ा।

इसके बाद प्रणव चैंपियन ने बदले की भावना से उमेश कुमार के घर पर धमकी भरे अंदाज में दस्तक दी। अगले दिन उमेश कुमार अपने बंगले पर हुई फायरिंग से भड़क उठे और गुस्से में पिस्टल लेकर प्रणव चैंपियन से बदला लेने के लिए निकल पड़े। हालांकि, पुलिस ने समय रहते उन्हें रोक लिया।

कौन हैं कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन?

कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उत्तराखंड के खानपुर से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने एनडी तिवारी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत की सरकारों में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया है।

2016 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा। लेकिन उनका राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है।

2019 में चैंपियन को उत्तराखंड के लिए अमर्यादित भाषा का उपयोग करने के कारण बीजेपी से निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया। उनका परिवार हरिद्वार के लंढौरा रियासत से जुड़ा हुआ होने का दावा करता है।

उमेश कुमार: पहली बार विधायक

उमेश कुमार खानपुर से पहली बार निर्दलीय विधायक बने हैं। वह जनता के बीच अपनी साफ छवि के लिए जाने जाते हैं। चैंपियन के साथ उनकी दुश्मनी ने स्थानीय राजनीति में तनाव पैदा कर दिया है।

दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर

कभी दोस्त रहे उमेश कुमार और चैंपियन के बीच की दूरी सत्ता की लड़ाई और व्यक्तिगत अहंकार के कारण बढ़ती चली गई। अब यह दुश्मनी गाली-गलौज और धमकियों से आगे बढ़कर गोलीबारी तक पहुंच गई है।

The political rivalry between Haridwar MLA Umesh Kumar and former MLA Kunwar Pranav Singh Champion has escalated over the years. Once close friends, their relationship turned sour due to political competition, particularly during the 2022 Uttarakhand assembly elections. A recent firing incident involving Umesh Kumar and Pranav Champion has added to the tension. Umesh Kumar, an independent MLA, and Pranav Champion, a four-time MLA, now stand as rivals in Uttarakhand’s volatile political landscape.

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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