AIN NEWS 1: ‘वीर बाल दिवस’ के अवसर पर, देश ने उन चार साहिबजादों को नमन किया जिन्होंने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के चार साहिबजादों – बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह – के साथ माता गुजरी जी के बलिदान को स्मरण करने और उनके अद्वितीय साहस को सलाम करने का अवसर है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और उनके परिवार के बलिदान न केवल सिख धर्म के लिए बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि इन अमर बलिदानियों की स्मृतियां हर भारतीय के दिल में सदा जीवंत रहेंगी।
सिख गुरुओं के आदर्श: प्रेरणा का स्त्रोत
गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी तक, सिख गुरुओं ने जो आदर्श स्थापित किए, वे मानवता के लिए एक मार्गदर्शक हैं। उनके सिद्धांत न केवल आध्यात्मिक विकास के लिए हैं, बल्कि जीवन में सत्य, न्याय और साहस के प्रति प्रतिबद्धता के लिए भी प्रेरित करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम इन मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे, तो समाज को ‘काबुल’ और ‘बांग्लादेश’ जैसे संकटों से बचाया जा सकता है।
चार साहिबजादों का बलिदान: एक अमर गाथा
गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों ने अपने बचपन में ही धर्म और देश की रक्षा के लिए शहादत दी। बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह ने चमकौर की गढ़ी में दुश्मनों का सामना करते हुए वीरगति पाई, जबकि बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह को सरहिंद के नवाब द्वारा जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया। उनकी माता, माता गुजरी जी, ने भी इस संघर्ष में अपने प्राण त्याग दिए।
धर्म और देश के लिए बलिदान का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन बलिदानों से हमें धर्म और देश के प्रति निस्वार्थ सेवा और त्याग की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चार साहिबजादों और सिख गुरुओं की शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा में प्रेरित करती रहेंगी।
आज के इस अवसर पर सभी ने इन बलिदानियों की याद में उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।