AIN NEWS 1: बांग्लादेश में हिंदुओं और इस्कॉन (International Society for Krishna Consciousness) से जुड़े लोगों के खिलाफ हिंसात्मक नारे लग रहे हैं। यह नारे बांग्लादेश की सड़कों पर खुलेआम लगाए जा रहे हैं, जिससे भारत में संतों और धार्मिक नेताओं के बीच चिंता और आक्रोश की लहर फैल गई है।
हाल ही में बांग्लादेश की सड़कों पर एक रैली के दौरान एक भीड़ ने “जहां दिखे हिंदू और इस्कॉन वाले, पकड़ो और काट दो” जैसे हिंसक नारे लगाए। यह नारे बांग्लादेश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और हिंदू समुदाय के प्रति बढ़ते दमन को दर्शाते हैं। खासतौर पर, इस्कॉन के अनुयायी जो कृष्ण भक्ति से जुड़े होते हैं, उनके खिलाफ यह आंदोलन और अधिक उग्र हो रहा है।
इन नारेबाजी की घटनाओं ने भारत में संतों और धार्मिक नेताओं में गहरी चिंता पैदा कर दी है। वे इस प्रकार के उग्र प्रदर्शन और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और बांग्लादेश सरकार से इस पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। भारतीय संतों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है और उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है, और इस तरह के उग्र नारेबाजी से उनकी स्थिति और भी कठिन हो सकती है। इन नारों के पीछे एक खास विचारधारा का प्रचार हो रहा है, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों और कृष्ण भक्ति से जुड़े लोगों के खिलाफ नफरत और हिंसा फैलाने की कोशिश कर रही है।
भारतीय संतों का मानना है कि बांग्लादेश में हिंदू और इस्कॉन अनुयायियों पर बढ़ते हमले धार्मिक असहमति और सामाजिक अस्थिरता का परिणाम हो सकते हैं। उन्हें डर है कि यह स्थिति और भी बिगड़ सकती है, और इसके साथ ही हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर संकट आ सकता है।
इस पर बांग्लादेश की सरकार से कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि देश में धार्मिक सौहार्द बनाए रखा जा सके और हिंदू समुदाय को सुरक्षित वातावरण मिल सके। वहीं, भारत में भी सरकार और धार्मिक नेता इस मामले पर पैनी नजर बनाए हुए हैं और वे स्थिति को लेकर लगातार बांग्लादेश सरकार से संवाद कर रहे हैं।
इस बीच, बांग्लादेश के हिंदू समुदाय और इस्कॉन के अनुयायी इन घटनाओं का विरोध कर रहे हैं, और वे अपने धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठा रहे हैं। हालांकि, स्थिति को देखते हुए यह भी स्पष्ट हो रहा है कि इस संघर्ष को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद और समझौते की आवश्यकता है।
सारांश: बांग्लादेश में हिंदू और इस्कॉन समुदाय के खिलाफ हिंसक नारेबाजी की घटनाएं बढ़ रही हैं, जो दोनों देशों में धार्मिक असहमति और सुरक्षा के सवाल खड़े कर रही हैं। भारत के संत इस पर गहरी चिंता व्यक्त कर रहे हैं और बांग्लादेश सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।