AIN NEWS 1: रामचंद्र अग्रवाल की कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन में चुनौतियों से घबरा जाते हैं। कोलकाता के एक साधारण परिवार में जन्मे रामचंद्र महज 4 साल की उम्र में पोलियो से ग्रसित हो गए। उनके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बैसाखियों के सहारे चलने वाले रामचंद्र ने पढ़ाई पूरी की और डिग्री लेने के बाद नौकरी भी की, लेकिन उन्हें जल्दी ही समझ में आ गया कि वो 9 से 5 वाली नौकरी के लिए नहीं बने हैं।
छोटे कदम से बड़ी शुरुआत
रामचंद्र ने तय किया कि वे खुद का काम करेंगे। उधार के पैसों से कोलकाता में एक फोटोस्टेट की दुकान खोली, लेकिन वहां मन नहीं लगा। उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक्स बेचे, फिर कपड़ों के व्यापार में हाथ आजमाया। लगभग 15 सालों तक कपड़े के इस व्यापार को करते रहे, लेकिन उनका सपना इससे बड़ा था।
दिल्ली में नई उम्मीद
रामचंद्र को यकीन था कि भारत में मल्टीस्टोर्स का भविष्य है। वे कोलकाता छोड़कर दिल्ली आ गए और साल 2001-02 में “विशाल मेगा मार्ट” की शुरुआत की। ये एक ऐसा स्टोर था जो देश के मिडिल और लोअर मिडिल क्लास को ध्यान में रखकर बनाया गया था। 99 रुपये में राशन से लेकर कपड़े तक मिलने लगे। लोगों को यह कॉन्सेप्ट खूब पसंद आया और स्टोर की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी।
उड़ान और सफलता
विशाल मेगा मार्ट ने कुछ ही सालों में देशभर में अपनी पहचान बना ली। 645 से ज्यादा स्टोर 414 शहरों में खुल गए और कंपनी के पास 2.5 लाख वर्ग फीट का रिटेल स्पेस था। इसके अलावा 5 फैक्ट्रियां भी चल रही थीं। साल 2007 में कंपनी ने 2000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन के साथ IPO भी लॉन्च किया।
एक गलती और सबकुछ खत्म
तेजी से बढ़ने की चाह में रामचंद्र ने कुछ ऐसे फैसले ले लिए जो उनकी कंपनी को भारी पड़े। बिना प्लानिंग के स्टोर्स और फैक्ट्रियों का विस्तार हुआ जिससे कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। साल 2008 की वैश्विक मंदी ने इस स्थिति को और खराब कर दिया। कर्ज 750 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और रामचंद्र के पास वेंडर्स और कर्जदाताओं को भुगतान करने के लिए पैसे नहीं बचे।
70 करोड़ में बेचनी पड़ी 2000 करोड़ की कंपनी
साल 2011 में मजबूरी में रामचंद्र को अपनी कंपनी बेचनी पड़ी। उन्होंने विशाल मेगा मार्ट को श्रीराम ग्रुप और TPG कैपिटल को केवल 70 करोड़ रुपये में बेच दिया। बाद में 2018 में Kedaara Capital और Partner Group ने इसे 350 मिलियन डॉलर में खरीद लिया।
नई शुरुआत V2 Mart के साथ
विशाल मेगा मार्ट से प्यार होने के बावजूद रामचंद्र ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने 10 करोड़ रुपये उधार लेकर “V2 Mart” नाम से एक नई कंपनी की शुरुआत की जो आज भी भारत के कई शहरों में मौजूद है।
Ram Chandra Agarwal, the founder of Vishal Mega Mart, turned his physical disability and financial hardships into motivation to build one of India’s biggest retail chains. His story is a powerful example of how resilience, vision, and innovation can create a Rs 2000 crore empire from nothing. Despite losing his company due to poor decisions and a rising debt crisis, Agarwal bounced back with a new venture, V2 Mart. This story is not just about business success but also about personal triumph against all odds—making it a must-read for anyone interested in inspirational entrepreneurship, Indian retail, and startup journeys.