Waqf Amendment Bill: Amit Shah’s 10 Key Statements in Lok Sabha
वक्फ संशोधन बिल: लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह की 10 बड़ी बातें
AIN NEWS 1: लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ संशोधन बिल को प्रस्तुत किया और इस पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2013 में किए गए संशोधन की वजह से कई विवाद खड़े हुए, जिसके कारण इस नए बिल की आवश्यकता पड़ी। शाह ने जोर देकर कहा कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं था और न ही एनडीए सरकार ऐसा करने जा रही है। उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे 2014 के चुनावों से ठीक पहले, बिना चर्चा के, वक्फ कानून में बड़ा बदलाव कर दिया गया था।
नीचे गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में दिए गए 10 प्रमुख बयान प्रस्तुत हैं:
1. 2013 में संशोधन नहीं होता, तो आज इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती
अमित शाह ने कहा कि अगर 2013 में वक्फ कानून में संशोधन नहीं किया गया होता, तो आज इस बिल की आवश्यकता ही नहीं पड़ती। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण यह कानून और कठोर बना दिया गया था।
2. 2014 चुनाव से ठीक पहले बड़ा बदलाव
उन्होंने बताया कि 2014 के आम चुनाव से मात्र 25 दिन पहले, दिल्ली के लुटियंस ज़ोन की 123 संपत्तियां वक्फ को सौंप दी गईं। यह निर्णय बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के लिया गया, जिससे देशभर में विवाद उत्पन्न हुआ।
3. हमारे बिल पर ज्यादा चर्चा हो रही है
अमित शाह ने बताया कि 2013 में लाए गए संशोधन बिल पर केवल 5 घंटे 30 मिनट चर्चा हुई थी, जबकि वर्तमान सरकार के इस बिल पर दोनों सदनों में 16 घंटे से अधिक चर्चा हो रही है।
4. गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि धार्मिक संस्थाओं के संचालन में किसी गैर-मुस्लिम को शामिल करने का प्रावधान न पहले था और न ही अब किया जा रहा है।
5. वक्फ संपत्तियों के अवैध हस्तांतरण पर रोक
इस नए संशोधन के तहत, वक्फ संपत्तियों को औने-पौने दाम पर कम किराए में देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
6. धार्मिक स्वतंत्रता से कोई छेड़छाड़ नहीं
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि यह बिल किसी भी धर्म के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा। इसका उद्देश्य सिर्फ वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।
7. वक्फ बोर्ड पारदर्शिता से कार्य करेगा
अमित शाह ने कहा कि अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की देखरेख अधिक पारदर्शी तरीके से होगी, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके।
8. सरकार तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करेगी
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने तुष्टीकरण की राजनीति के चलते कानून में ऐसे बदलाव किए, जिससे विवाद उत्पन्न हुए। लेकिन मोदी सरकार का उद्देश्य न्याय और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
9. इस बिल से सभी धर्मों को समान अधिकार मिलेंगे
सरकार का कहना है कि इस बिल का मकसद सभी धर्मों को समान अधिकार देना और किसी विशेष समुदाय को अनुचित लाभ से रोकना है।
10. कोई भी निर्णय लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत होगा
अमित शाह ने कहा कि एनडीए सरकार लोकतंत्र और जनता के हितों को सर्वोपरि रखती है। इसलिए, इस बिल पर व्यापक चर्चा हो रही है और इसे पूरी पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद में लंबी बहस हुई, जिसमें सरकार ने इसे पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में उठाया गया कदम बताया। अमित शाह ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि 2013 का संशोधन कानून, बिना पर्याप्त बहस के लागू कर दिया गया था। नए संशोधन के तहत वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग पर रोक लगाने और प्रशासन में पारदर्शिता लाने की कोशिश की गई है।
The Waqf Amendment Bill was discussed in Lok Sabha, where Home Minister Amit Shah criticized the 2013 amendment for enabling the arbitrary transfer of Waqf properties. He emphasized that the NDA government will not allow non-Muslims in Waqf boards and clarified that religious institutions must function as per their faith. The bill aims to ensure transparency in the management of Waqf assets and prevent misuse. This decision has sparked debates in Parliament, with opposition parties questioning the government’s intent.