AIN NEWS 1 | वक्फ संशोधन बिल को लेकर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस समिति ने सत्तापक्ष के 14 संशोधनों को मंजूरी दी, जबकि विपक्ष के सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया। अब यह बिल एक नए स्वरूप में लोकसभा में पेश किया जाएगा।
जेपीसी ने किन संशोधनों को मंजूरी दी?
जेपीसी की बैठक में सत्तापक्ष के 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित बदलाव शामिल हैं:
- वक्फ संपत्ति की पहचान: पहले जिला कलेक्टर यह तय करता था कि कोई संपत्ति वक्फ अधीन आती है या नहीं। अब सरकार द्वारा चुना गया कलेक्टर या उससे ऊपर का अधिकारी यह निर्णय करेगा।
- वक्फ ट्रिब्यूनल में सदस्य संख्या बढ़ी: पहले ट्रिब्यूनल में केवल दो सदस्य थे, लेकिन अब इसमें तीन सदस्य होंगे, जिसमें एक इस्लामिक स्कॉलर को भी शामिल किया जाएगा।
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य: वक्फ बोर्ड या काउंसिल में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्य अनिवार्य रूप से होंगे। पहले यह संख्या दो तक सीमित थी, लेकिन अब इसे “कम से कम दो” कर दिया गया है।
- इस्लाम अपनाने की पुष्टि: कोई व्यक्ति अगर अपनी संपत्ति वक्फ में देना चाहता है, तो उसे यह साबित करना होगा कि वह पिछले पांच सालों से इस्लाम का पालन कर रहा है। यह प्रावधान इस्लाम अपनाने के तुरंत बाद संपत्ति दान करने के मामलों को रोकने के लिए जोड़ा गया है।
बिल को लेकर संभावित विवाद
इस बिल के कुछ प्रावधानों पर विवाद हो सकता है। खासकर, गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या बढ़ाने के फैसले का विरोध हो सकता है। विपक्षी दलों का तर्क है कि गैर-मुस्लिम लोगों की वक्फ बोर्ड में क्या भूमिका हो सकती है।
इसके अलावा, संपत्ति दान से जुड़े नए नियमों पर भी बहस हो सकती है, क्योंकि अब संपत्ति देने से पहले इस्लाम पालन की पुष्टि आवश्यक होगी।
जेपीसी की बैठक और आगे की प्रक्रिया
- 27 जनवरी 2025: जेपीसी की बैठक में कुल 31 में से 26 सदस्य मौजूद थे। इनमें से 16 सत्तापक्ष के और 10 विपक्ष के थे।
- 29 जनवरी 2025: अगली बैठक होगी, जिसमें संशोधित ड्राफ्ट रिपोर्ट सदस्यों को सौंपी जाएगी।
- 31 जनवरी 2025: बजट सत्र के दौरान, वक्फ बिल पर तैयार की गई ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपी जाएगी।
- इसके बाद, संशोधनों के साथ बिल को संसद में पेश किया जाएगा, जहां इस पर फिर से चर्चा होगी और आगे की कार्रवाई होगी।
निष्कर्ष:
वक्फ संशोधन बिल में सत्तापक्ष के 14 प्रमुख बदलावों को मंजूरी मिली है, जिससे वक्फ संपत्ति प्रबंधन में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि, विपक्षी दलों की असहमति के कारण इस पर संसद में जोरदार बहस की संभावना है।
The Waqf Amendment Bill is set to be reintroduced in a new form after the Joint Parliamentary Committee (JPC) approved 14 amendments proposed by the ruling NDA government, while rejecting all opposition proposals. The key changes include an increase in non-Muslim representation in the Waqf Board, the inclusion of an Islamic scholar in the Waqf Tribunal, and stricter regulations on property donations to Waqf. These modifications have sparked controversy, with opposition leaders criticizing the bill. The bill is expected to be presented in Parliament soon, where further debates will take place.