AIN NEWS 1 लखनऊ: योगी देव नाथ ने एक कार्यक्रम के दौरान समाज को जागरूक करने के लिए एक उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम एक सौ रुपए का नोट चार टुकड़ों में फाड़ लें, तो क्या हर टुकड़ा 25 रुपए का रहेगा? उन्होंने इसका उत्तर नकारात्मक दिया और कहा कि यही स्थिति हिंदू समाज की है, अगर हम खुद को अलग-अलग वर्गों में बांटते हैं, तो समाज का मूल महत्व खो जाएगा।
योगी देव नाथ का कहना था कि अगर हिंदू समाज को अपनी असली ताकत और महत्व को समझना है, तो हमें केवल हिंदू के रूप में एकजुट होना होगा। चारों वर्णों में बटने से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे एक सौ रुपए के नोट को चार हिस्सों में बांटने से उसका मूल्य घट जाता है, ठीक वैसे ही समाज में विभाजन से समाज का मूल्य भी कम हो जाता है।
उनका कहना था कि हिंदू धर्म में चार प्रमुख वर्ण होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम एक-दूसरे से अलग हो जाएं। अगर हम एकजुट होकर समाज की सेवा करें और आपस में भाईचारे का भावना रखें, तो दुनिया में हिंदू समाज का महत्व और सम्मान बढ़ेगा।
योगी देव नाथ ने इस दौरान यह भी कहा कि समाज के भीतर आपसी मतभेदों को भूलकर हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि हम दुनिया को यह दिखा सकें कि हिंदू समाज एक मजबूत और समृद्ध समाज है।
उनके इस संदेश का मकसद यह था कि हिंदू समाज को अपने सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्य को पहचानना चाहिए और एकजुट होकर दुनिया में अपनी पहचान स्थापित करनी चाहिए।
समाज में कई प्रकार के मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अगर हम एकजुट होकर काम करें, तो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में हमारी अहमियत बढ़ सकती है। यही संदेश योगी देव नाथ ने इस कार्यक्रम के माध्यम से दिया।