Who is IAS B.N. Singh? UP Police STF Busts Fake Land Mafia Gang
IAS बी.एन. सिंह कौन हैं? यूपी पुलिस STF ने फर्जी प्लॉट बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया
AIN NEWS 1: बृजेश नारायण सिंह (बी.एन. सिंह) 2009 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त के पद पर तैनात हैं। वे आजमगढ़ के मूल निवासी हैं और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से प्राप्त की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और दर्शनशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद, उन्होंने आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण की।
बी.एन. सिंह की गिनती उत्तर प्रदेश के कड़े और ईमानदार अधिकारियों में होती है। वे नोएडा, मेरठ, मथुरा, बागपत समेत कई जिलों में महत्वपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारी निभा चुके हैं। खासतौर पर, जब वे नोएडा के जिलाधिकारी (DM) थे, तब उनके फैसले और नीतियों की काफी चर्चा हुई थी।
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में, यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो खाली प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें बेचने का गोरखधंधा कर रहा था। इस गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से कुछ लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के कर्मचारी भी शामिल हैं।
इस घोटाले में आईएएस बी.एन. सिंह की पत्नी के नाम दर्ज एक प्लॉट को कब्जाने की कोशिश का मामला सामने आया है। बी.एन. सिंह ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (SP) के नेता और कुछ एलडीए के कर्मचारियों ने साजिश रचकर उनकी पत्नी की संपत्ति को हड़पने की कोशिश की।
IAS बी.एन. सिंह ने क्या आरोप लगाए?
बी.एन. सिंह ने सपा के पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह और एलडीए अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जमीन कब्जाने की साजिश दिल्ली स्थित सपा नेता के आवास पर रची गई थी। उनके मुताबिक, इस फर्जीवाड़े में एलडीए के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत थी, जिन्होंने उनकी पत्नी की संपत्ति से जुड़े कागजात फाइल से निकालकर जालसाजों को सौंपे।
इस मामले में बी.एन. सिंह ने गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद यूपी पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और यूपी STF ने गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
कैसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश?
यूपी एसटीएफ की जांच में यह सामने आया कि यह गिरोह फर्जी कागजात तैयार कर खाली पड़े प्लॉटों को बेचता था। गिरोह के सदस्य जाली रजिस्ट्री और अन्य दस्तावेजों के जरिए प्लॉटों पर कब्जा जमाते और फिर उन्हें ऊंची कीमतों पर बेचते थे।
जब बी.एन. सिंह को अपनी पत्नी की संपत्ति पर कब्जे की कोशिश की जानकारी मिली, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद यूपी एसटीएफ ने मामले की तहकीकात शुरू की और इस बड़े घोटाले का खुलासा हुआ।
गिरफ्तारी और आगे की जांच
यूपी एसटीएफ ने इस गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और एलडीए के कुछ कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसा है। पुलिस को कई अहम दस्तावेज मिले हैं, जिनसे यह साबित होता है कि गिरोह लंबे समय से इस तरह के फर्जीवाड़े में लिप्त था।
इस मामले में एफआईआर भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं 318(4), 338, 336(3), 61(2), 329(3), 342(2), 340(2) के तहत दर्ज की गई है। पुलिस अब उन एलडीए अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जांच कर रही है, जो इस घोटाले में शामिल हो सकते हैं।
यह मामला प्रशासनिक भ्रष्टाचार और संपत्ति कब्जाने के संगठित अपराध को उजागर करता है। आईएएस बी.एन. सिंह जैसे वरिष्ठ अधिकारी की पत्नी की जमीन पर कब्जे की कोशिश यह दिखाती है कि अपराधी किस हद तक जा सकते हैं। हालांकि, यूपी एसटीएफ की त्वरित कार्रवाई से इस घोटाले का भंडाफोड़ हो गया और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
IAS B.N. Singh, a 2009 batch officer and current Transport Commissioner of Uttar Pradesh, has accused SP leader Udayveer Singh and LDA officials of attempting to seize his wife’s property using fake land documents. The UP STF (Special Task Force) busted a land fraud gang involved in selling illegal plots with forged papers. Several LDA employees are also under investigation for their alleged role in the land scam. The Noida DM, known for his tough stance on corruption, played a key role in land acquisition for Jewar Airport. This case sheds light on the real estate fraud in Uttar Pradesh, involving political and administrative collusion.