डिजिटल युग में हमारी संपत्तियां अब केवल जमीन-जायदाद और बैंक बैलेंस तक सीमित नहीं रहीं। सोशल मीडिया अकाउंट, ईमेल, क्रिप्टोकरेंसी, और अन्य ऑनलाइन संसाधन भी आपकी कुल संपत्ति का हिस्सा बन चुके हैं। इन डिजिटल एसेट्स का सही प्रबंधन और हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल वसीयत बनाना बेहद जरूरी है।
डिजिटल वसीयत के फायदे
- डाटा की सुरक्षा:
- महत्वपूर्ण जानकारी, जैसे लॉगिन डिटेल्स और पासवर्ड्स, गलत हाथों में जाने से बचती है।
- आपकी जानकारी का दुरुपयोग रोकने में मदद मिलती है।
- कानूनी सहमति:
- वसीयत में डिजिटल एसेट्स का उल्लेख करने से उनके उपयोग और हस्तांतरण का अधिकार कानूनी रूप से सुनिश्चित होता है।
- परिवार की सहूलियत:
- मृत्यु के बाद परिवार के सदस्य या नजदीकी लोग आपके डिजिटल एसेट्स को संभाल सकते हैं।
- सोशल मीडिया अकाउंट्स, ईमेल, और अन्य ऑनलाइन सेवाओं को समय पर एक्सेस किया जा सकता है।
डिजिटल एसेट वसीयत में शामिल करने योग्य चीजें
- सोशल मीडिया अकाउंट्स:
- फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, लिंक्डइन आदि।
- तय करें कि इन्हें हटाना है या मेमोरियलाइज करना है।
- क्रिप्टोकरेंसी और NFT:
- वॉलेट डिटेल्स, एक्सेस की, और वैल्यूएशन।
- ईमेल अकाउंट्स:
- Gmail, Yahoo आदि के पासवर्ड्स।
- ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन:
- स्ट्रीमिंग सेवाएं, क्लाउड स्टोरेज, या अन्य सदस्यताएं।
- व्यावसायिक डाटा और वेबसाइट:
- बिजनेस से जुड़े डिजिटल डाटा की सुरक्षा और उपयोग का प्रावधान।
डिजिटल वसीयत बनाने के टिप्स
- संपत्ति की सूची बनाएं:
- सभी डिजिटल एसेट्स की डिटेल्स नोट करें।
- पासवर्ड्स और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन कोड्स का प्रबंधन करें।
- एक्जीक्यूटर तय करें:
- किसी भरोसेमंद व्यक्ति को नॉमिनी बनाएं, जो आपकी वसीयत को लागू करे।
- सुरक्षा का ध्यान रखें:
- एन्क्रिप्शन, पासवर्ड मैनेजमेंट और अन्य सुरक्षा उपाय अपनाएं।
- लीगल ट्रस्ट या वसीयत:
- डिजिटल एसेट्स को ट्रस्ट में डालें या वसीयत में शामिल करें।
भविष्य की योजना
डिजिटल वसीयत बनाकर आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी महत्वपूर्ण डिजिटल जानकारी सुरक्षित और सही हाथों में रहे। इससे आपके परिवार को अनावश्यक परेशानियों से बचाने में मदद मिलती है और आपकी संपत्ति का गलत इस्तेमाल रोका जा सकता है।
अब सवाल यह है: क्या आपने अपनी डिजिटल वसीयत तैयार की है?