AIN NEWS 1 | तत्काल टिकट इतनी जल्दी क्यों खत्म हो जाते हैं? जानिए इसका गणित
भारतीय रेलवे से यात्रा करना हर भारतीय के जीवन का एक आम हिस्सा है। ट्रेन में यात्रा करने के दो विकल्प होते हैं — अनरिजर्व्ड (जनरल टिकट) और रिजर्व्ड (स्लीपर/एसी कोच)।
रिजर्व्ड टिकट पाने के लिए यात्रियों को पहले से बुकिंग करानी होती है। लेकिन जब आखिरी वक्त में यात्रा करनी हो और सामान्य रिजर्वेशन उपलब्ध न हो, तो यात्री “तत्काल टिकट” का सहारा लेते हैं।
🎫 तत्काल टिकट इतनी जल्दी क्यों खत्म हो जाते हैं?
तत्काल टिकट बुकिंग “पहले आओ, पहले पाओ” नियम पर काम करती है। लेकिन जैसे ही बुकिंग शुरू होती है, कुछ ही सेकेंड्स में सभी टिकट गायब हो जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं:
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टिकट की संख्या सीमित होती है।
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डिमांड बहुत ज्यादा होती है।
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सैकड़ों लोग एक ही समय पर बुकिंग करते हैं।
⏰ कैसे बढ़ाएं कंफर्म टिकट मिलने की संभावना?
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तत्काल बुकिंग शुरू होने से 2–3 मिनट पहले लॉगिन कर लें।
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अपने आईआरसीटीसी अकाउंट में आधार लिंक करें, जिससे प्राथमिकता मिलेगी।
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नेटवर्क और सिस्टम फास्ट रखें, ताकि बुकिंग में देरी न हो।
🆕 नया नियम क्या है?
रेलवे ने तत्काल बुकिंग में पारदर्शिता लाने के लिए एक नया नियम लागू किया है:
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आधार लिंक्ड IRCTC यूजर्स को प्राथमिकता मिलेगी।
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IRCTC एजेंट्स को बुकिंग शुरू होने के 10 मिनट बाद तक एक्सेस नहीं मिलेगा, जिससे आम यात्रियों को पहले टिकट बुक करने का मौका मिलेगा।
Tatkal ticket booking on IRCTC often leaves passengers frustrated as tickets vanish within seconds. This happens due to limited availability and high demand. To improve your chances, log in early and link your Aadhaar to your IRCTC account. Recently, IRCTC has introduced a new rule that restricts agents from booking Tatkal tickets for the first 10 minutes and gives priority to Aadhaar-linked users, making the process fairer for general passengers.