AIN NEWS 1 | ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनाव में अमेरिका की खुली सैन्य एंट्री के बाद पश्चिम एशिया की स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसके कुछ ही घंटों बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने यह घोषणा की कि वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने मास्को रवाना हो रहे हैं।
अराघची ने इस्तांबुल में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के शिखर सम्मेलन के दौरान प्रेस को बताया, “रूस हमेशा ईरान का सहयोगी रहा है, और हम अहम विषयों पर एक-दूसरे से सलाह लेते हैं। मैं मास्को जा रहा हूं और कल सुबह पुतिन से गहन बातचीत करूंगा।”
इस मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हैं कि ईरान अब अमेरिका के विरुद्ध अपनी रणनीति में रूस को शामिल कर सकता है। खासतौर पर तब, जब रूस पहले ही इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों पर असंतोष जता चुका है। साथ ही यह तथ्य भी अहम है कि व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच मतभेद जगजाहिर हैं, और पुतिन की खामेनेई से नजदीकी अमेरिका के लिए नई कूटनीतिक मुश्किलें खड़ी कर सकती है।
अराघची ने एक और बड़ा बयान देते हुए कहा, “अब कूटनीति का कोई रास्ता नहीं बचा है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि बातचीत का विकल्प हमेशा होना चाहिए, लेकिन फिलहाल ईरान इसे एक सीधा हमला मानता है। इससे स्पष्ट है कि क्षेत्र में तनाव और अधिक बढ़ सकता है और यह टकराव एक बड़े युद्ध का रूप ले सकता है।
In a rapidly escalating Middle East conflict, Iranian Foreign Minister Araghchi is heading to Moscow to meet Russian President Vladimir Putin, just hours after the US launched strikes on Iran’s nuclear facilities. As tensions between Iran and Israel intensify, this high-profile meeting could mark a turning point, signaling potential Russian involvement. With growing dissatisfaction from Moscow over Israel’s actions and the strong ties between Putin and Iran’s leadership, the geopolitical equation is shifting. The Iran Israel war may no longer remain bilateral, especially with the US openly supporting Israel militarily.