AIN NEWS 1 | वक्फ संशोधन बिल को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और चर्चा का दौर जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में महाराष्ट्र में एक रैली में कहा कि मोदी सरकार वक्फ बिल में जल्द संशोधन करेगी, लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या यह संशोधन बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित हो पाएगा?
संयुक्त समिति की रिपोर्ट में देरी
सूत्रों के अनुसार, वक्फ संशोधन बिल को लेकर बनी संयुक्त समिति की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। कुछ राज्यों से मुलाकात करना अभी बाकी है, जिस वजह से संशय की स्थिति बनी हुई है। समिति की रिपोर्ट समय पर पेश नहीं हो पाई है, और अब यह साफ नहीं है कि यह बिल शीतकालीन सत्र में पास हो सकेगा या नहीं।
समिति के अध्यक्ष का बयान
इस मामले पर एबीपी न्यूज से बात करते हुए समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि वे मौजूदा सत्र में रिपोर्ट पेश करने के लिए तैयार हैं, और इस पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वे विपक्ष के साथ विवाद से बचते हुए संवाद के माध्यम से काम करना चाहते हैं। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने समिति के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की है और समिति के फैसलों पर आपत्ति जताई है।
चुनावों का असर
सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव और उपचुनावों की वजह से संयुक्त समिति की रिपोर्ट तैयार करने में देरी हो रही है। विपक्षी सांसद, जो इस समिति का हिस्सा हैं, चुनावों के संपन्न होने तक बैठकें नहीं करना चाहते, जिससे प्रक्रिया और अधिक प्रभावित हो रही है।
अभी बाकी हैं कुछ महत्वपूर्ण चर्चाएं
संयुक्त समिति कुछ अन्य स्टेकहोल्डर्स से भी चर्चा करना चाहती है, लेकिन यह प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है। इन चर्चाओं के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे बिल पर अंतिम निर्णय लिया जा सके।
समिति की अब तक की कार्यवाही
वक्फ संशोधन बिल पर गठित संयुक्त समिति अब तक 25 बैठकें कर चुकी है और 12 से ज्यादा राज्यों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। आगामी विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के बाद समिति की अगली बैठक आयोजित की जाएगी।
जल्दबाजी में विवाद का डर
सूत्रों के अनुसार, समिति यह नहीं चाहती कि जल्दबाजी में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, क्योंकि इससे विवाद बढ़ सकते हैं। पहले भी इस बिल पर मतभेद सामने आ चुके हैं और समिति में हंगामे की स्थिति बन चुकी है। विपक्षी सांसदों ने समिति के अध्यक्ष पर सवाल उठाए हैं, और मामला लोकसभा स्पीकर तक पहुंच चुका है।
क्या एक महीने की देरी संभव है?
सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया में एक महीने या उससे अधिक समय लग सकता है। यदि रिपोर्ट समय पर पेश होती, तो वक्फ संशोधन बिल इस सत्र में पारित हो सकता था। अब स्थिति स्पष्ट नहीं है, और इस बिल के पारित होने पर संशय बना हुआ है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, वक्फ संशोधन बिल के शीतकालीन सत्र में पास होने की संभावना पर सवाल उठ रहे हैं। संयुक्त समिति की प्रक्रिया पूरी नहीं होने और विभिन्न कारणों से देरी हो रही है, जिससे यह कहना मुश्किल है कि यह बिल इस सत्र में पारित हो पाएगा या नहीं।