AIN NEWS 1 हमीरपुर/कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में कश्मीरी शॉल बेचने आए एक पिता-पुत्र के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक स्थानीय महिला को दोनों कश्मीरी विक्रेताओं को धमकाते हुए देखा गया। महिला ने उनसे जयश्रीराम का नारा लगाने को कहा और क्षेत्र छोड़ने की मांग की। वीडियो के वायरल होने के बाद महिला ने माफी मांग ली है।
क्या है मामला?
वीडियो में एक बुजुर्ग कश्मीरी व्यक्ति अपने युवा बेटे के साथ हिमाचल प्रदेश के एक गांव में शॉल बेचते हुए दिखाई दे रहे हैं। तभी एक स्थानीय महिला वहां पहुंचती है और उनसे शॉल बेचने का विरोध करती है। महिला कहती है, “ये हमारा भारत है। आप लोग अपने कश्मीर जाओ।”
इस पर कश्मीरी युवक जवाब देता है, “यह हमारा भी भारत है। आप हमें यहां से जाने के लिए कैसे कह सकती हैं?”
इसके बाद महिला ने कहा कि अगर वे खुद को हिंदुस्तानी मानते हैं, तो उन्हें ‘जयश्रीराम’ का नारा लगाना होगा। युवक ने इसका शांतिपूर्ण जवाब देते हुए कहा कि उसका मजहब अलग है और सभी को एक-दूसरे के धर्म का सम्मान करना चाहिए।
वीडियो वायरल, महिला ने मांगी माफी
वीडियो वायरल होने के बाद महिला की आलोचना होने लगी। घटना को लेकर कई लोगों ने नाराजगी जताई। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुहमी ने वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया और इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने दावा किया कि यह घटना हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर या कांगड़ा जिले के किसी गांव की है।
महिला ने अब एक दूसरा वीडियो जारी कर अपनी गलती स्वीकार की है। 49 सेकंड के माफीनामे में उसने कहा, “मैं अपनी गलती मानती हूं। अगर मैंने जानबूझकर या अनजाने में कुछ गलत कहा है, तो उसके लिए माफी मांगती हूं।” महिला ने यह भी कहा कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि गांव में कई महिलाएं अकेली रहती हैं और अजनबियों से डरती हैं।
सामाजिक माहौल पर सवाल
यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि किसी के धर्म या पहचान के आधार पर उनके काम में बाधा डालना या उन्हें क्षेत्र छोड़ने के लिए कहना, समाज में गलत संदेश देता है।
हालांकि महिला ने माफी मांग ली है, लेकिन इस घटना ने धार्मिक सौहार्द और सहिष्णुता के महत्व को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।