AIN NEWS 1: गाजियाबाद के प्रसिद्ध डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद को मुरादाबाद पुलिस ने जिले के बॉर्डर पर डिटेन कर लिया। वे संभल जिले में हरिहर मंदिर के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे थे, लेकिन मुरादाबाद पुलिस ने उन्हें बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित करने से रोक दिया। यह मामला राज्य में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि यति नरसिंहानंद अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के कारण पहले भी सुर्खियों में रहे हैं।
मुरादाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने क्यों रोका?
यति नरसिंहानंद गाजियाबाद से मुरादाबाद जा रहे थे, जहां उन्हें हरिहर मंदिर और कुछ अन्य मुद्दों पर प्रेस वार्ता करनी थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें जिले के बॉर्डर पर ही रोका और करीब डेढ़ घंटे तक हिरासत में रखा। पुलिस ने बताया कि नरसिंहानंद ने इस कार्यक्रम की पूर्व अनुमति जिला प्रशासन से नहीं ली थी, इसलिए उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस उन्हें थाने ले गई, जहां एसपी सिटी रण विजय सिंह ने नरसिंहानंद से कहा कि बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित करना अवैध है।
नरसिंहानंद ने पुलिस से सहमति जताते हुए यह कहा कि वे मुरादाबाद नहीं जाएंगे और वापस गाजियाबाद लौट जाएंगे। इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। एसपी सिटी ने बताया कि नरसिंहानंद को समझाया गया और उन्हें गाजियाबाद वापस भेजा गया।
यति नरसिंहानंद का बयान और विवाद
यति नरसिंहानंद अपनी कड़ी टिप्पणियों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं। उन्होंने एक बार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि मोहन भागवत भगवान नहीं हैं। साथ ही उन्होंने सनातन धर्म के मंदिरों की स्वतंत्रता और जीर्णोद्धार के बारे में भी बयान दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म के जितने भी मंदिर हैं, उन्हें आजाद कराना चाहिए।
नरसिंहानंद की टिप्पणियाँ हमेशा विवादों का कारण बनती रही हैं। उनके एक बयान में कहा गया था कि हिंदू समाज को हर मस्जिद के नीचे मंदिर की तलाश बंद कर देनी चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर मुस्लिमों के पुतले जलाए जाने चाहिए तो मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले जलाने चाहिए थे, क्योंकि उनकी गलती यह थी कि रावण ने एक छोटा अपराध किया।
इन विवादित टिप्पणियों के कारण उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। मुस्लिम तंजीमें उनकी गिरफ्तारी की मांग करती रही हैं, और इस दौरान कई शहरों में हिंसक घटनाएँ भी हुईं।
यति नरसिंहानंद के अन्य विवादित बयान
यति नरसिंहानंद की विवादित टिप्पणियाँ कई बार चर्चा का विषय रही हैं। कुछ प्रमुख बयान निम्नलिखित हैं:
1. सीतापुर में बयान (अक्टूबर 2021) – उन्होंने इस्लाम मुक्त भारत बनाने की बात कही थी।
2. हरिद्वार धर्म संसद (दिसंबर 2021) – मुस्लिमों के हथियार उठाने और उनके नरसंहार की बात की थी।
3. हिंदू युवाओं के लिए बयान (2021) – नरसिंहानंद ने कहा था कि हिंदू युवाओं को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) जैसे और भिंडरावाला जैसे नेता बनने पर 1 करोड़ रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
4. महिला नेताओं के बारे में बयान (2021) – महिलाओं को लेकर नरसिंहानंद ने टिप्पणी की थी कि महिला नेता खासकर भाजपा में पुरुष नेताओं की ‘रखैल’ हैं।
5. मुस्लिम पीएम को लेकर बयान (2022) – उन्होंने कहा था कि अगर कोई मुस्लिम भारत का प्रधानमंत्री बनता है, तो 20 सालों में 50% हिंदू धर्मांतरण कर लेंगे।
6. मुस्लिम महिलाओं के बारे में बयान (2022) – नरसिंहानंद ने कहा था कि मुस्लिम समाज इस्लाम को बढ़ाने के लिए अपनी महिलाओं का इस्तेमाल करता है।
यति नरसिंहानंद का जीवन परिचय
यति नरसिंहानंद का जन्म मेरठ जिले में हुआ था। उनका वास्तविक नाम दीपक त्यागी था। उनके परिवार में पांच भाई-बहन थे और उनके पिता सरकारी नौकरी में थे। 1989 में वे रूस चले गए, जहां उन्होंने मास्को के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग से केमिकल टेक्नोलॉजी का कोर्स किया। 1997 में भारत लौटने के बाद, वे गाजियाबाद के डासना मंदिर में पुजारी बन गए।
सन् 2007 में दीपक त्यागी ने संन्यास लिया और अपना नाम बदलकर यति नरसिंहानंद रख लिया। वे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं और गाजियाबाद के डासना शिव शक्ति धाम मंदिर के महंत हैं। इसके अलावा, उन्होंने हिंदू युवाओं और बच्चों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने के लिए ‘धर्म सेना’ नामक संस्था भी बनाई।
विवादों में घिरा यति नरसिंहानंद
यति नरसिंहानंद का जीवन विवादों से भरा रहा है। उनके खिलाफ हत्या की कोशिश, डकैती, और आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे गंभीर मामलों में 20 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं। उनका नाम अक्सर दूसरे धर्मों के खिलाफ अपनी हिंसक और विवादास्पद टिप्पणियों के कारण चर्चा में रहता है।
समाज में उनके प्रभाव और विवादित बयानों को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। जहां एक पक्ष उनका समर्थन करता है, वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि उनका उद्देश्य केवल समाज में नफरत फैलाना है।
यति नरसिंहानंद का मुरादाबाद में रोका जाना और उनका विवादों से भरा जीवन उनकी विचारधारा और बयानों को लेकर लगातार चर्चाओं में बना रहता है। हालांकि उनके बयान और कार्यों को लेकर समाज में विभाजन हो सकता है, लेकिन यह भी सत्य है कि वे अपनी जगह पर एक मजबूत पहचान बनाए हुए हैं। उनके बयानों और कार्यों का प्रभाव आने वाले समय में और बढ़ सकता है, जिससे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर विवादों की संभावना बनी रहती है।