AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में एक महत्वपूर्ण संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति और इतिहास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार व्यक्त किए। सीएम ने अयोध्या में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने राम मंदिर निर्माण, धार्मिक स्थलों के संरक्षण और भारत की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर अपने विचार रखे।
योगी ने इस दौरान कुछ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के धार्मिक स्थलों को नष्ट करने वाले आक्रांताओं का वंश नष्ट हो चुका है और उनकी स्थिति आज दयनीय है। उन्होंने उदाहरण के तौर पर औरंगजेब का नाम लिया और कहा कि उसके परिवार के सदस्य आज कोलकाता में रिक्शा चला रहे हैं, जो कि उनकी दुर्गति को दर्शाता है।
मुख्य बिंदु – योगी के संबोधन में:
1. सनातन धर्म की महिमा: योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म ही दुनिया में शांति की स्थापना कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का राष्ट्रीय धर्म सनातन धर्म है, और भारत तभी तक भारत रहेगा जब तक सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा। सीएम ने स्पष्ट किया कि संसार के सभी मतों और धर्मों में से केवल सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है, जो सभी के कल्याण की बात करता है।
2. धार्मिक स्थलों की रक्षा: योगी ने भारत के विभिन्न धार्मिक स्थलों को नष्ट करने वाले आक्रांताओं का जिक्र करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर, रामजन्मभूमि, कृष्ण जन्मभूमि और संभल में कल्कि अवतार की भूमि को नष्ट किया गया। उन्होंने कहा कि इन स्थलों को नष्ट करने वाले आततायियों का वंश नष्ट हो गया और वे कभी फले-फूले नहीं।
3. राम मंदिर का उद्घाटन: मुख्यमंत्री ने 5 अगस्त 2020 और 22 जनवरी 2024 की दो महत्वपूर्ण तारीखों का उल्लेख किया। 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण का शुभारंभ किया, और 22 जनवरी 2024 को 500 वर्षों बाद रामलला अयोध्या में विराजमान हुए। योगी ने कहा कि उस दिन सभी सनातनियों की आंखों में श्रद्धा के आंसू थे और यह एक ऐतिहासिक क्षण था।
4. आतंकी आक्रांताओं की हार: योगी ने यह भी कहा कि जिन्होंने सनातन धर्म के प्रतीकों को नष्ट करने का प्रयास किया, उनकी धरती पर आने वाली पीढ़ियों ने कभी उन्नति नहीं की। उन्होंने औरंगजेब के परिवार का उदाहरण देते हुए कहा कि आज वे लोग कोलकाता में रिक्शा चला रहे हैं, जो उनकी कर्तव्यहीनता और कृत्यों का परिणाम है।
5. भारत की सुरक्षा और भविष्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सुरक्षा और भविष्य के लिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश को फिर कभी गुलाम नहीं बनाया जाए और हमारे धार्मिक स्थल अपमानित न हों। उन्होंने सभी भारतीयों से अपील की कि वे सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट हों, तभी भारत और आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रह सकेंगी।
6. धार्मिक यज्ञ और समर्पण: योगी ने यज्ञों का महत्व भी बताया और कहा कि यज्ञों से पर्यावरण की शुद्धि होती है और यह सनातन धर्म की शक्ति को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म के माध्यम से ही भारत की धरती को पवित्र किया जा सकता है।
7. सभी धर्मों का सम्मान: मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म वह एकमात्र धर्म है, जो सभी धर्मों के कल्याण की बात करता है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब अन्य धर्मों के लोग संकट में होते हैं, तो क्या उन्हें शरण मिलती है, लेकिन हिंदुओं के साथ क्या होता है? बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी पूछा कि क्या ऐसे देशों में सनातन धर्म के प्रतीकों को नष्ट करना सही था?
योगी का संदेश: योगी ने यह भी कहा कि भारत की धरती पर जन्म लेना एक दुर्लभ अवसर है और मनुष्य के रूप में जन्म लेना और भी दुर्लभ है। उन्होंने कहा कि यह दुर्लभ क्षण हमें प्राप्त हो रहा है और इस क्षण का सम्मान करना चाहिए। काशी में बाबा विश्वनाथ धाम, अयोध्या में रामलला का धाम और अन्य धार्मिक स्थलों को बचाने में डबल इंजन की सरकार ने संतों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
समाप्ति: योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के अंत में यह कहा कि हम सब को मिलकर अपनी धार्मिक विरासत की रक्षा करनी होगी। उन्होंने हर भारतीय से अपील की कि वह सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों को समझें और इसे सुरक्षित रखें।
यह संबोधन न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करता है, बल्कि भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के महत्व को भी उजागर करता है।