Yogi Adityanath Orders Disability Pension Release After Public Grievance in Janata Darbar
जनता दरबार में दिव्यांग की फरियाद पर भावुक हुए योगी, तुरंत जारी कराने का दिया पेंशन आदेश
AIN NEWS 1: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने आवास पर जनता दरबार लगाया, जिसमें सैकड़ों फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। इस दौरान एक दिव्यांग व्यक्ति ने अपनी पेंशन न मिलने की शिकायत की, जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
जनता दरबार में जब एक दिव्यांग व्यक्ति ने अपनी फरियाद मुख्यमंत्री के सामने रखी तो योगी आदित्यनाथ खुद उसके पास पहुंचे और पूछा, “क्या समस्या है बताइये?”
दिव्यांग व्यक्ति ने कहा, “महाराज जी, कई बार जिले के चक्कर काट लिए लेकिन हमारी दिव्यांग पेंशन अब तक शुरू नहीं हुई।”
मुख्यमंत्री ने तुरंत पूछा, “किस जिले से आए हैं?”
दिव्यांग ने जवाब दिया, “साहब, चंदौली से।”
इस पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा, “देखिए क्यों नहीं पेंशन जारी हो रही है। डीएम या दिव्यांग कल्याण अधिकारी से बात करिए। अगर लापरवाही हो तो सख्त कार्रवाई करें और इनकी पेंशन आज ही चालू कराइए।”
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय से जनता दरबार में मौजूद लोग भावुक हो उठे। यही नहीं, योगी आदित्यनाथ ने चंदौली से आए दो अन्य दिव्यांग युवकों, राजेश और चंद्रशेखर, को इलेक्ट्रॉनिक चार्जिंग वॉकिंग स्टिक भी भेंट की। उन्होंने बच्चों को गोद में उठाया, उनसे बातचीत की और चॉकलेट भी बांटी।
जनता की समस्याओं को गंभीरता से लिया गया
मुख्यमंत्री ने करीब 125 फरियादियों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं। कई मामलों में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। जमीन से जुड़े मामलों में राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार को निर्देशित किया गया कि वे समाधान की जिम्मेदारी लें।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनता दरबार खत्म होने के तुरंत बाद चंदौली के दिव्यांग कल्याण अधिकारी का फोन मुख्यमंत्री के ओएसडी एन.के. सिंह चौहान को आया। अधिकारी ने बताया कि जिन दो दिव्यांगों की पेंशन रुकी थी, उनकी केवाईसी नहीं हुई थी। लेकिन अब प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और उनकी पेंशन आज शाम तक जारी कर दी जाएगी।
सरकार का उद्देश्य – हर पीड़ित के चेहरे पर मुस्कान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सुबह 10 बजे से कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं सुनें। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर ही अधिकतर समस्याओं का समाधान हो सकता है, इसलिए केवल वही मामले लखनऊ भेजे जाएं जिनका निस्तारण शासन स्तर पर ही संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हर पीड़ित को न्याय दिलाना और उसके चेहरे पर मुस्कान लाना ही हमारी सरकार का उद्देश्य है।” उन्होंने सभी अधिकारियों को समस्याओं के समयबद्ध, संवेदनशील और संतुष्टिपरक समाधान के निर्देश दिए।
प्रत्येक शिकायत का समय पर समाधान जरूरी
मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में मौजूद सभी वरिष्ठ अधिकारियों को फरियादियों के प्रार्थना पत्र सौंपे और कहा कि तय समय सीमा के भीतर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए। पुलिस मामलों के लिए डीजीपी को निर्देश दिए गए, जबकि राजस्व मामलों में राजस्व परिषद के अध्यक्ष को कार्रवाई के निर्देश मिले।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनता को आश्वासन दिया कि उनकी हर शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी और समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। जनता दरबार में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, डीजीपी प्रशांत कुमार, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह जनता दरबार न केवल प्रशासनिक तत्परता का उदाहरण बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि सरकार आम जनता की समस्याओं के प्रति कितनी संवेदनशील है। दिव्यांग की शिकायत पर तुरंत प्रतिक्रिया देना और पेंशन चालू करवाना, जनता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath took swift action during his Janata Darbar after a disabled man from Chandauli complained about not receiving his disability pension. In response, CM Yogi instructed senior officials to ensure the immediate release of the pending pension. This incident highlights the government’s prompt response to public grievances, especially concerning welfare schemes for the disabled in Uttar Pradesh.