Yogi Adityanath Orders Max Rs 5000 Stamp Duty on Ancestral Property Division in UP
पैतृक संपत्ति बंटवारे पर अब सिर्फ 5000 रुपये स्टांप शुल्क, CM योगी का बड़ा फैसला
AIN NEWS 1 लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यवासियों को बड़ी राहत देते हुए पैतृक संपत्ति के बंटवारे में स्टांप शुल्क को लेकर अहम निर्देश जारी किए हैं। अब अगर कोई परिवार अपनी पैतृक अचल संपत्ति को आपसी सहमति से बांटना चाहता है, तो उसे अधिकतम 5000 रुपये ही स्टांप शुल्क देना होगा। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन फीस भी अधिकतम 5000 रुपये तक ही सीमित रहेगी।
यह फैसला सीएम योगी ने स्टांप एवं निबंधन विभाग की एक समीक्षा बैठक के दौरान लिया। इस कदम का उद्देश्य संपत्ति विभाजन की प्रक्रिया को सस्ती, पारदर्शी और सरल बनाना है, ताकि आम लोग बिना किसी वित्तीय दबाव के अपनी पैतृक संपत्ति को आसानी से बांट सकें।
किसे मिलेगा फायदा?
सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि यह सुविधा उन परिवारों को मिलेगी जो अपनी पैतृक अचल संपत्ति को जीवित व्यक्ति और उसके तीन पूर्ववर्ती वंशजों के बीच बांटते हैं। इस बदलाव से लाखों परिवारों को फायदा होगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां जमीन और घर पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं।
डिजिटल सेवाओं पर जोर
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि स्टांप एवं पंजीयन विभाग अब डिजिटल इंडिया की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। विभाग ने निम्नलिखित डिजिटल सेवाएं शुरू की हैं:
स्टांप का ऑनलाइन सृजन
संपत्ति के भारमुक्त प्रमाण पत्र की ऑनलाइन सुविधा
कृषि बंधक विलेखों की ई-फाइलिंग
निबंधन शुल्क का ई-भुगतान
अप्रयुक्त स्टांप की ऑनलाइन वापसी
विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र और भारमुक्त प्रमाण पत्र का डिजिलॉकर में अपलोड
मुख्यमंत्री ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए निर्देश दिया कि तकनीक का अधिकतम उपयोग कर जनता के कार्य ऑनलाइन किए जाएं, जिससे लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।
राजस्व में बढ़ोतरी
अधिकारियों ने बैठक में जानकारी दी कि स्टांप शुल्क से मिलने वाला राजस्व भी तेजी से बढ़ा है।
2016-17 में स्टांप शुल्क से 11 हजार करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी।
2024-25 में यह आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11.67% अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है।
सीएम योगी ने इस वृद्धि को राज्य सरकार की नीतियों की सफलता बताया और कहा कि इस ट्रेंड को बनाए रखने के लिए सभी जिलों में रजिस्ट्री कार्यालयों के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए।
रजिस्ट्री कार्यालयों को मिलेगा नया रूप
मुख्यमंत्री ने कहा कि रजिस्ट्री कार्यालयों में पर्याप्त स्टाफ की उपलब्धता होनी चाहिए और सभी ऑफिसों में CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से सक्रिय रहने चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पब्लिक को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए हर स्तर पर व्यवस्था बेहतर बनाई जाए।
नया कदम, नई दिशा
यह फैसला सिर्फ एक वित्तीय रियायत नहीं है, बल्कि यह राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है जो नागरिकों को सरकारी प्रक्रियाओं से जुड़ी जटिलताओं से मुक्त करने की दिशा में काम कर रही है। पैतृक संपत्ति को लेकर कई बार कानूनी उलझनें होती हैं, जो अब इस सरल प्रक्रिया के जरिए कम होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय न केवल आर्थिक रूप से जनता को राहत देगा, बल्कि पारिवारिक विवादों और कानूनी झंझटों को भी कम करेगा। डिजिटल सेवाओं के साथ यह फैसला उत्तर प्रदेश को एक पारदर्शी, आधुनिक और जनहितकारी शासन की ओर ले जाता है।
Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath has announced a major reform regarding stamp duty in ancestral property division. Now, only a maximum of Rs 5000 will be charged as stamp duty and registration fee when dividing immovable ancestral property among family members. This move is aimed at reducing financial burdens, encouraging formal registration, and making property distribution easier across the state. These changes are part of broader digital reforms in the UP registration department, including e-filing and DigiLocker services.