AIN NEWS 1: सहारनपुर पुलिस ने 22 साल की लंबी तलाश के बाद हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी जुबैर उर्फ विजय पुंडीर ने फर्जी दस्तावेज बनाकर अपना नाम बदला और देहरादून में रह रहा था। पुलिस ने उसे 15 हजार रुपये के इनामी अपराधी के रूप में सूचीबद्ध कर रखा था।
मामला: 2002 में नाबालिग लड़की के अपहरण का
थाना गागलहेड़ी क्षेत्र के इस मामले की शुरुआत 16 जून 2002 को हुई थी, जब एक पिता ने अपनी 15 वर्षीय बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। परिजनों ने जुबैर नाम के युवक पर आरोप लगाया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की, लेकिन आरोपी फरार हो गया। यहां तक कि पुलिस ने उसकी संपत्ति कुर्क भी की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
नाम बदलकर देहरादून में छिपा था आरोपी
एसपी देहात सागर जैन के अनुसार, आरोपी जुबैर ने नाम बदलकर “विजय पुंडीर” के रूप में अपनी नई पहचान बनाई थी। उसने 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट तैयार की और इन्हीं दस्तावेजों की मदद से वह एलआईसी एजेंट बन गया। वह देहरादून के झीबरहेड़ी गांव में पिछले 22 सालों से छिपकर रह रहा था।
लड़की से हुए दो बच्चे, बड़ा बेटा कर रहा है एलएलबी की पढ़ाई
पूछताछ में पता चला कि आरोपी जुबैर ने जिस नाबालिग लड़की को भगाया था, उससे उसके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा 20 वर्षीय मनोज पुंडीर (काल्पनिक नाम) एलएलबी का छात्र है, जबकि छोटी बेटी पांच साल की है। आरोपी का कहना है कि उसकी पत्नी अब अपने मायके आने-जाने लगी थी, लेकिन वह खुद कभी सामने नहीं आया।
पुलिस के हाथ लगे पुराने दस्तावेज
पुलिस ने आरोपी के पुराने दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनसे पुष्टि हुई कि उसका असली नाम जुबैर पुत्र नसीम है और वह हरिद्वार के चुड़ियाला गांव का निवासी है। उसकी 1995 की मार्कशीट के अनुसार, उस समय उसकी उम्र 18 साल थी।
22 साल बाद गिरफ्तारी
22 साल बाद, सहारनपुर पुलिस ने देहरादून से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के समय आरोपी की उम्र करीब 40 साल है। पुलिस के इस प्रयास से पुराने मामले को सुलझाने में बड़ी सफलता मिली है।
यह घटना दिखाती है कि अपराधी कितना भी छिपे, कानून के हाथ लंबे होते हैं। सहारनपुर पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना हो रही है।